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Sunday, 23 August 2020

Tuesday, 18 August 2020

Wagon Turn Round

WAGON TURN ROUND

वैगन टर्न राउंड

परिभाषा-
एक वैगन के दो लगातार लोडिंग के बीच के अंतराल को वैगन टर्न राउंड कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में वह औसत समय जो एक माल डिब्बे को लदान, गंतव्य तक पहुंचने, माल उतराई एवं अगले लदान के चक्र को पूरा करने में लगता है।

वैगन लोडिंग में निम्नलिखित शामिल है-
  1. होम रेलवे पर लादे जाने वाले औसत दैनिक डिब्बे।
  2. प्रतिदिन अन्य रेलवे से प्राप्त मालडिब्बों की संख्या।
  3. सैनिक यातायात वाहन करने वाले डिब्बों की संख्या।
  4. एक ही गेज के वैगन से माल स्थानांतरित किया जाए उनकी दैनिक औसत संख्या।
  • यह आंकड़ा परिचालन दक्षता का सूचकांक है।
  • मंडल के नियंत्रण कार्यालय में इस पर रोजाना काम किया जाता है।
  • यह यूनिट वैगन संचालन और उसके उपयोगिता की ओर दर्शाता है कम आंकड़ा को बेहतर परिणाम माना जाएगा इसलिए इसे कम करने का प्रयास किए जाने चाहिए।
वैगन टर्न राउंड गणना करने के फॉर्मूला-
T=WB/(L+R)

जहां T=वैगन टर्न राउंड
WB=प्रभावी दैनिक औसत वैगन बैलेंस (उस दिन का वैगन बैलेंस जिसमें Sick,POH Wagon को छोड़कर)
L=वैगनों के लोड की दैनिक औसत संख्या
R=दैनिक औसत लोड किए गए वैगनों की प्राप्ति

उदाहरण के लिए -
एक डिवीजन में 450 वैगन लोड हुआ (जिसमें 50 वैगन ट्रांशिपमेंट के जरिये प्राप्त हुआ ),150 इनवार्ड लोडेड वैगन प्राप्त हुआ अन्य डिवीजन से और उस दिन का कुल होल्डिंग वैगन बैलेंस 2400 है तो 
2400/(450+150)
=2400/600
=4 day Wagon Turn Round


वैगन टर्न राउंड को प्रभावित करने वाले कारक-

रेलों के बीच वैगन टर्न राउंड के आंकड़े केवल सामान्य जानकारी का विषय है। विभिन्न रेलों के बीच लदान आवर्तनों की तुलना करने से कोई उपयोगी प्रयोजन सिद्ध नहीं होगा क्योंकि यह संख्या कई कारकों से प्रभावित होती है और यह कारक भिन्न-भिन्न स्टेशनों पर अलग-अलग होते हैं।वैगन टर्न राउंड को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं।
  • औसत गमन दूरी
  • यातायात का घनत्व
  • रफ्तार को प्रभावित करने वाली तेज ढलान और लाइन सुविधाएं यथा दोहरी अथवा इकहरी।
  • जंक्शनों पर मुख्य या शाखा लाइन के कनेक्शन
लेकिन एक ही रेलवे पर विभिन्न अवधियों के बीच ये आंकड़े कुशलता सूचित करने के लिए उपयोगी है।

वैगन टर्न राउंड में सुधार किया जा सकता है-
  • वैगन के त्वरित लोडिंग और अनलोडिंग करके।
  • वैगनों को अधिकतम भार देकर।
  • मार्शलिंग यार्ड, ट्रांसशिप पॉइंट और गुड्स टर्मिनल स्टेशन में देरी को कटौती करके।
  • माल गाड़ियों के गति में सुधार करके।
  • जो वैगन मरम्मत के लिए प्रतीक्षा कर रहा है उसमें कटौती करके।

Saturday, 15 August 2020

Workshop Manufacturing Suspense

Workshop Manufacturing Suspense

कार्यशाला विनिर्माण उचन्त

  1. रेल कारखानों में संपूर्ण व्यय,वसुलियाँ एवं समायोजन (Adjustment) तथा बकाया को एक स्थान पर लाने के लिए कारखाना विनिर्माण उचन्त खाता लेखा कार्यालय में बनाया जाता है।
  2. यह प्लान हेड 7200 के अंतर्गत आता है ।यह लेखा का कैपिटल सस्पेंस हेड है।
  3. वर्कशॉप में किसी भी जॉब या ख़र्च की गणना, विश्लेषण एवं चार्जिज के विरुद्ध ख़र्च के सम्मिलित प्रक्रिया को WMS लेखा कहते हैं।
इसके डेबिट साइड में निम्नलिखित प्रविष्टि की जाती है-
1.लेबर
2.स्टोर
3.नगद
4.ऊपरी लागत
5.सीधी खरीद

इसके क्रेडिट साइड में निम्नलिखित प्रविष्टि की जाती है-
1. रोलिंग स्टॉक का POH अपनी रेलवे और दूसरे रेलवे के लिए।
2.दूसरे विभाग के लिए किया गया कार्य।
3.अन्य विनिर्माण गतिविधियां

इसके शेष व्यय के उस भाग को बताते हैं जो चालू कार्यों पर है एवं वसूली और समायोजन के लिए बकाया है।इसके बकाया शेषों का मिलान आउटटर्न स्टेटमेंट भाग-II से किया जाता है। बकायों की मासिक समीक्षा की जाती है एवम उन्हें यथासंभव कम रखने का प्रयास किया जाता है।समीक्षा के परिणाम वर्ष में कम से कम एकबार प्रमुख वित्त सलाहकार को प्रस्तुत किये जाते हैं।

इसकी क्यों आवश्यकता है-

रेलवे कार्यशालाओं में अपनी रेलवे , सरकारी विभागों और निजी निकायों के कार्य किये जाते हैं।जब कार्य पूरा हो जाता है तो सामग्री और श्रम की लागत साथ में ऑन कॉस्ट प्रभार पार्टी से वसूल किया जाता है इसके लिए बिल जारी किया जाता है और स्वीकृति ली जाती है और उसका भुगतान किया जाता है।ऐसे समय तक जब कार्य पूरा नहीं हो पाता है उसे लेखा में रखना होता है।ऐसा करने के लिए वर्कशॉप में सस्पेन्स खाता संचालित होता है,जो चार्ज किया गया किंतु मंजूरी के लिए लंबित है क्योंकि काम पूरा नहीं हुआ है।

जनरल बुक से मिलान-

WMS के तहत शेष राशि और लेबर सस्पेन्स के तहत शेष राशि जो चालू लेखा और लेबर बुक में दिखता है उसे WGR (Workshop General Register) से तुलना की जाती है और बाद में शेष राशि को जनरल बुक से तुलना की जाती है।आंकड़ो के दो सेटों के बीच के अंतर का विश्लेषण किया जाना चाहिए और विसंगतियां विवरण तैयार कर विसंगतियों को दूर करना चाहिए।ख़ासकर पुरानी विसंगतियों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए।विसंगतियां विवरण जो चालू लेखा में और लेबर बुक में है वर्कशॉप लेखा अधिकारी को दिखाना चाहिए।

समीक्षा
  1. इसकी सारी मदें चालू है और प्रत्येक कार्य सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से एक उचित कार्यादेश के द्वारा चालू किया गया है।
  2. इसके ब्यौरे में श्रम, भंडार और उपरिलागत जो चल रहे तथा पूर्ण कार्यों से संबंधित है के अलावा अन्य कोई भी शामिल नहीं किया गया है।
  3. क्रेडिट की कोई मद नहीं है और यदि कोई पाई जाती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।
  4. जो कार्य बाहरी विभागों या पार्टियों के लिए किए गए हैं उनके प्राक्कलन संबंधित पार्टियों से स्वीकृत है। क्या समुचित धन जो कार्य के निष्पादन के लिए आवश्यक है जमा करवा लिया गया है और क्या लागत व विभागीय प्रभार लगाए गए हैं।
  5. अनुचित शेष नहीं है समय-समय पर अव प्रभारों और अधि प्रभारों का समंजन कर लिया गया है।

Friday, 14 August 2020

Workshop General Register

 Workshop General Register

कारखाना सामान्य रजिस्टर

परिभाषा: एक कार्यशाला में विभिन्न कार्य आदेशों के तहत बुक किये गए व्यय का संकलन जो एक सारांशित रूप में होता है उसे कार्यशाला सामान्य रजिस्टर के रूप में जाना जाता है।
                  दूसरे शब्दों में एक कारखाने में जारी सभी वर्क आर्डर वार ख़र्च बुक करने वह समायोजन के लिए एक रजिस्टर रखा जाता है जिसे कार्यशाला सामान्य रजिस्टर कहते हैं।
  • यह रजिस्टर कारखाना विनिर्माण उचन्त लेखा (WMS) का सहायक रजिस्टर है जो कारखाना लेखा कार्यालय में रखा जाता है।
  • यह एक मासिक विवरण (Monthly Statement) है जो शॉप वार (Shop wise), कार्यवार (work order wise) तैयार किया जाता है।
  • इसमें प्रत्येक कार्यादेश पर एक महीने के दौरान लेबर,बोनस,स्टोर और ऊपरी व्यय प्रभार (on cost charge) भी सम्मिलित रहता है। 
  • यह मूल रूप से कम्प्यूटर आधारित स्टेटमेंट है जिसे टाइम शीट, स्टोर मासिक सारांश और प्रत्यक्ष व्यय से संकलित किया जाता है जो कार्य आदेश को आवंटित किया गया है।
  • कार्यशाला सामान्य रजिस्टर की मासिक समीक्षा यह देखने के लिए की जाती है कि उसमें दर्शाए गए सभी कार्य चालू (current) है।
क्यों (Why)
भारतीय रेलवे रोलिंग स्टॉक कोड के अनुसार विभिन्न गतिविधियों पर कुल व्यय प्राप्त करने के लिए जो किसी भी कार्यशाला में तैयार किया जाता है कार्यशाला सामान्य रजिस्टर करना आवश्यक है।


Tuesday, 11 August 2020

Scale Check Register

 

Scale Check Register

वेतनमान जांच रजिस्टर

अर्थ:-

किसी भी ग्रेड या श्रेणी में मंजूर किए गए पदों से अधिक नियुक्तियां ना हो इसके लिए स्केल चेक रजिस्टर बनाया जाता है।
          यह प्रत्येक लेखा कार्यालय में उपरोक्त को जांचने के उद्देश्य से बनाया जाता है । इन रजिस्टरों में प्रत्येक ग्रेड या श्रेणी के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग पन्ने नियत किए जाने चाहिए उसे फार्म लेखा 1407 A में रखा जाता है।

स्केल चेक रजिस्टर में पोस्टिंग-

  1. अराजपत्रित कर्मचारियों की भर्ती की सभी मंजूरियां,प्राप्त होते ही वेतनमान जांच रजिस्टर में दर्ज कर लेनी चाहिए और इस पोस्टिंग का अनुप्रमाणित (attested) अनुभाग अधिकारी (लेखा) द्वारा किया जाना चाहिए।
  2. प्रत्येक यूनिट के वेतन बिल में यूनिट की वास्तविक और मंजूरशुदा कर्मचारी संख्या का एक सारांश होना चाहिए या बिल के साथ इसका संक्षिप्त विवरण लगा होना चाहिए । बिल पास करते समय सारांश में दिखाई गई वास्तविक संख्या की जांच चार्ज किये गए वास्तविक आंकड़ों से मिलाकर की जानी चाहिए। मंजूराशुदा संख्या से अधिक का मामला हो तो संबंधित कार्यकारी प्राधिकारियों से उनके विषय में लिखा-पढ़ी की जानी चाहिए।
स्केल चेक रजिस्टर के सिद्धांत-

मंजूर किए हुए पद पर साधारणतया एक ही व्यक्ति काम पर रह सकता है और वेतन पा सकता है। यदि एक पद पर एक से अधिक कर्मचारी काम पर दिखाए गए हैं या सक्षम प्राधिकारी द्वारा मंजूर न किए गए पद पर किसी व्यक्ति को काम पर दिखाया जाता है तो संबंधित कर्मचारी का वेतन और भत्ते आपत्ति के अधीन किए जाने चाहिए।

        सिर्फ कार्यग्रहण अवधि और कार्यकारी पदों के कार्यभार सौंपने और कार्यभार ग्रहण करने के मामलों को छोड़कर।

        स्थाई कर्मचारियों का शत प्रतिशत जांच की जानी चाहिए तथा अस्थाई कर्मचारियों के मामले में यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि नियत अवधि से अधिक काम पर नहीं रखे गए हैं।