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Friday, 22 January 2021
Saturday, 2 January 2021
MERGER OF RAILWAY BUDGET
रेलवे बजट का आम बजट में विलय-
प्रमुख बिंदु-
- 2017-18 के बजट से यह विलय प्रभावी हुआ है।
- भारतीय रेलवे के लिए सिर्फ एक डिमांड संख्या-83 भारतीय रेल मंत्रालय के रूप में किया गया है।
- जब इसकी शुरूआत हुई थी तब भारतीय रेलवे को डिमांड संख्या-80 आवंटित किया गया बाद में इसे बदलकर 81 और फिर 82 किया गया । अंत में 2020-21 वर्ष के लिए डिमांड संख्या-83 है।
- मांग संख्या 03 से 14 (कुल 12) का नाम में परिवर्तन कर SMH (Sub Major Head) 01 से 12 कर दिया गया है।जो मेजर हेड 3002-भारतीय रेलवे कार्य व्यय-वाणिज्यिक लाइन के तहत है।
- लेकिन व्यय का वर्गीकरण/आवंटन अभी भी भारतीय रेलवे वित्त संहिता वॉल्यूम-II के अनुसार ही है।
- मांग संख्या-83 को दो भागों में वर्गीकरण किया गया है-राजस्व भाग और कैपीटल भाग।
- राजस्व भाग का मेजर हेड-3001,3002 है।
- कैपिटल भाग का मेजर हेड-5002 है।
- कैपिटल पर ब्याज लाभांश की तरह ही लिया जाता है किंतु अब लाभांश का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
- अभी तक पूरे वर्ष में रेलवे बजट की तीन समीक्षा की जाती थी अब उसमें से एक समीक्षा अगस्त समीक्षा को बंद कर दिया गया है। अब वर्ष में दो बजट समीक्षा की जाती है-(1)RE/BE वर्तमान वर्ष के संशोधित अनुमान/अगले वर्ष के बजट अनुमान (2)Final Modification Estimate-अंतिम आशोधन विवरण।
- RE/BE अब नवंबर के बदले सितंबर में होने वाला है।
- वर्क्स बजट में केवल जो कार्य प्रगति में होंगे उसी का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
लाभ
- केवल एक विनियोग विधेयक ।
- रेलवे बजट तैयार होने में जो समय और धन का ख़र्च होता था उसकी बचत।
- रेल मंत्रालय पर राजनीतिक दबाब कम।
- लोक लुभावन बजट की समाप्ति।
- राजस्व घाटा(भारतीय रेलवे का) वित्त मंत्रालय को दिया जाएगा।
- सब मेजर हेड में पुनर्विनियोग करने के लिए रेलवे बोर्ड के लिए लचीलापन।