PURCHASE SUSPENSE
- जब आपूर्तिकर्ता द्वारा सामग्री डिपो को आपूर्ति की जाती है तो उसे एक प्राप्ति नोट की प्रतिलिपि प्राप्त होती है जो भुगतान का दावा करने के लिए आवश्यक है ।
- जो भी सामग्री डिपो में प्राप्त की जाती है उसका भुगतान लेखा कार्यालय द्वारा किया जाता है। अतः लेनदेन जहां सामग्री प्राप्त की जाती है लेकिन उसका भुगतान क्रय सस्पेंस के माध्यम से किया जाता है।
- जितने भी मूल्य के सामग्री डिपो में प्राप्त हुआ उस राशि से परचेज सस्पेंस को डेबिट कर दिया जाता है और जब प्राप्ति रसीद की कॉपी लेखा विभाग में प्राप्त होती है तो परचेज सस्पेंस को क्रेडिट कर दिया जाता है।
- इस उचन्त शीर्ष का मुख्य उद्देश्य है आपूर्तिकर्ताओं को सही और शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करना।
(1) परचेज सस्पेंस में क्रेडिट आउटस्टैंडिंग का अर्थ हुआ कि सामग्री प्राप्त हो चुकी है, जबकि भुगतान किया जाना बाकी है।
(2) परचेज सस्पेंस में डेबिट आउटस्टैंडिंग का अर्थ हुआ कि अग्रिम भुगतान कर दिया गया है किंतु सामग्री अभी प्राप्त नहीं हुई है।
सामान्यतः परचेज सस्पेंस में क्रेडिट बैलेंस रहता है अपवाद स्वरूप प्रतिष्ठित फार्म को अग्रिम भुगतान के मामले में डेबिट बैलेंस होगा।
जनरल एंट्री इस प्रकार होगी:-
1.जब प्राप्ति रसीद प्राप्त होती है-
स्टोर-इन-ट्रांजिट...................... Dr.
To परचेज सस्पेन्स..................Cr.
2. जब बिल का भुगतान कर दिया जाता है-
परचेज सस्पेन्स...................Dr.
To चेक & बिल्स................Cr.
अब iMMS (Integrated Material Management Information System) के तहत
-खरीद उचन्त के रखरखाव में तीन महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल है।
* क्रेडिट की पोस्टिंग, डेबिट की पोस्टिंग, सस्पेंस का सफाया और आर्थिक समीक्षा मासिक,त्रैमासिक, अर्धवार्षिक ।
* परचेज सस्पेंस के रखरखाव में लेन-देन को ओरेकल डाटा बेस के साथ आई एम एम एस मॉड्यूल के तहत लाया गया है।
* प्राप्ति नोट डेटाबेस से सीधे जुड़े हुए हैं अतः प्राप्ति नोट अपने आप तैयार होता है।
* वर्ष के अंत में सस्पेंस बैलेंस को खत्म करने के लिए रिपोर्ट तैयार की जाती है।
क्रेडिट की पोस्टिंग
* क्रेडिट की पोस्टिंग जो प्राप्ति नोट से संबंधित है जो प्रत्येक डिपों से प्राप्त होता है इसमें नंबर, तारीख, पीओ नंबर , फार्म का नाम, प्रेषण विवरण,दर,मात्रा और मूल्य की पोस्टिंग किया जाता है यह सब ऑनलाइन किया जाता है।
* आई एम एम एस मॉडल के तहत कंप्यूटरीकरण को ध्यान में रखते हुए एक बार आर नोट, माह,डिपो कंप्यूटर में फीड हो जाने के बाद प्रोग्राम स्वतः ही विवरण को डेबिट के साथ जोड़ देता है।
* सभी बकाया मदें प्रबंधकीय समीक्षा के अंतर्गत है अग्रिम भुगतान के मामले में एक बार आर नोट विवरण डिपो को जोड़ने वाले कंप्यूटर में फीड हो जाता है तो भुगतान का विवरण स्वचालित रूप से लिंक हो जाता है।
*डिपो वार आवंटन रिपोर्ट मासिक आधार पर तैयार की जाती है।
* प्रत्येक डिपो के क्रेडिट का सारांश प्रत्येक डिपो मैनेजर के लिए उपलब्ध रहता है ताकि अंत में कोई शेष नहीं बचे इसकी समीक्षा की जा सके।
डेबिट की पोस्टिंग
* खरीद सस्पेंस डेबिट का विवरण स्वचालित रूप से मासिक आधार पर बिल ,RBC,MAR अनुभागों को स्थानांतरित हो जाता है।
* E-recon में प्राप्त टीसी को AFA/SSO बुक्स सेक्शन के प्राधिकरण के साथ बुक सेक्शन द्वारा दर्ज किया जाता है जिसे डेबिट के रूप में पोस्ट किया जाता है जिससे प्रोग्राम क्रेडिट को लिंक कर सके।
*स्टॉक/गैर स्टॉक मदों के इकाई वार निपटाया जाता है मदों को जोड़ने के लिए रिपोर्ट तैयार की जाती है।