ESTIMATES
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इंजीनियरिंग कोड के सातवें अध्याय में वर्णित है, प्राक्कलन (Estimates) सात प्रकार के होते हैं ।
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प्राक्कलन (Estimates) का अर्थ है किसी कार्य को शुरू करने से पहले उस कार्य का अनुमानित लागत का अनुमान लगाना या कार्य के अनुमानित लागत का गणना करना ।
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प्राक्कलन (Estimates) निम्नलिखित के लिए
तैयार किया जाता
है ।
1. नए कार्य/सम्पत्तियों का निर्माण या खरीद।
2. मौजूदा कार्य/सम्पत्तियों का नवीनीकरण (Renewals)या बदलाव( Replacements)।
3. मौजूदा कार्य/सम्पत्तियों का स्क्रैप,विघटन या परित्याग करना ।
4. मौजूदा कार्य/सम्पत्तियों का सुधार ।
5. मरम्मत कार्य ।
6. अस्थायी एवं प्रयोगिक कार्य ।
7. वर्कलाइन का नवीनीकरण (Renewals)या बदलाव( Replacements)।
8. ब्लास्ट का बदलाव ।
प्राक्कलन (Estimates) निम्नलिखित के लिए तैयार नहीं किया जाता है ।
1. "Reconditioning
Works" (सुधार) वाले कार्य जिसकी लागत 1 लाख तक हो ।
2. नवीनीकरण वाले 5 लाख तक के कार्य जिसकी लागत रेवेन्यू को प्रभारित हो ।
3. मरम्मत वाले 5 लाख तक के कार्य जिसकी लागत रेवेन्यू को प्रभारित हो ।
मंजूरी की अवधि 5 वर्ष तक है, एवं 2 साल काम शुरू नहीं होने पर।
प्राक्कलन के नाम –
1. संक्षिप्त (सार) प्राक्कलन (Abstract Estimate)
2.
3. अनुपूरक प्राक्कलन (Supplementary
Estimate)
4. संशोधित प्राक्कलन (Revised Estimate)
5. परियोजना सार प्राक्कलन (Project Abstract
Estimate)
6. निर्माण प्राक्कलन (Construction Estimate)
7. समापन प्राक्कलन (Completion Estimate)
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सक्षम प्राधिकारी से प्रशासनिक अनुमोदन लेने के लिए संक्षिप्त प्राक्कलन तैयार किया जाता है ।
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किसी कार्य पर होने वाले संभावित व्यय एवं इसी प्रकार के अन्य डेटा पर उचित विचार करने के लिए तैयार किया जाता है।
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एक संक्षिप्त प्राक्कलन में संक्षिप्त रिपोर्ट (Brief Report), कार्य के औचित्य(Justification for the work), विशेष विवरण (Specification) और वर्तमान साल में धन की आवश्यकता है या नहीं रहता है।
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विभिन्न मदों के लिए वित्त के स्त्रोत को चिन्हित की जाती है जैसे की
Capital,
DRF, DF आदि ।
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संक्षिप्त प्राक्कलन के प्रशासनिक अनुमोदन में बजट प्रावधान के साथ वर्क्स
प्रोग्राम,मशीन एवं चल स्टॉक प्रोग्राम (एम & पी प्रोग्राम), रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम माना जाता है
।
ब्यौरेवार प्राक्कलन
(Detailed Estimate)
(ओपेन लाइन कार्य के लिए)
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सक्षम प्राधिकारी से तकनीकी स्वीकृति लेने के लिए ब्यौरेवार
प्राक्कलन तैयार किया जाता है ।
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इसे पर्याप्त विस्तार से तैयार किया जाना चाहिए ताकि सक्षम प्राधिकारी
यह सुनिश्चित कर सके कि उच्च प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत संक्षिप्त प्राक्कलन से
अधिक होने की संभावना नहीं है।
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एक संक्षिप्त प्राक्कलन में शामिल कोई भी कार्य तब तक शुरू नहीं किया जाना
चाहिए जब तक कि उसके लिए एक ब्यौरेवार प्राक्कलन तैयार और स्वीकृत नहीं किया जाता है
और सक्षम प्राधिकारी द्वारा पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया जाता है।
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ओपन लाइन कार्य के विस्तृत अनुमान में शामिल रहता है (i) अनुमानित लागत का विस्तृत विवरण
और (ii) एक बाहरी शीट जिसमें कार्य की लागत का
सार,
रिपोर्ट वित्तीय औचित्य और निधि का आवंटन'।
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तकनीकी स्वीकृती- किसी कार्य
के ब्यौरेवार प्राक्कलन के लिए सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति "तकनीकी स्वीकृति" कहलाती है।
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जिन
निर्माण कार्यों के मंजूरी का अधिकार यदि महाप्रबंधक को
हो तो संक्षिप्त प्राक्कलन तैयार करने के बजाय विस्तृत प्राक्कलन
के लेवल पर ही प्रशासनिक स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति ली जा सकती है।
अनुपूरक प्राक्कलन
(Supplementary Estimate) (ओपेन लाइन कार्य एवं निर्माण परियोजना दोनों के लिए)
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किसी भी कार्य के किसी मद के लिए अनुपूरक प्राक्कलन तब तैयार किया जाता
है जब वह मद स्वीकृत अनुमान में शामिल किया जाना चाहिए था किन्तु वह शामिल नहीं किया
गया।
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या किसी भी कार्य का वह मद जो बाद में पता चला की वह तैयार और स्वीकृत
प्राक्कलन का भाग था ।
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इसे मुख्य प्राक्कलन की तरह ही तैयार करनी चाहिए।
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अनुपूरक प्राक्कलन के सभी उद्देश्य को मुख्य प्राक्कलन के भाग के रूप
माना जाएगा ।
संशोधित प्राक्कलन
(Revised Estimate) (ओपेन लाइन कार्य एवं निर्माण परियोजना दोनों के लिए)
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किसी कार्य या परियोजना पर व्यय ब्यौरेवार प्राक्कलन या निर्माण
प्राक्कलन में स्वीकृत अनुमान से अधिक होने की संभावना हो तब संशोधित प्राक्कलन तैयार
किया जाता है ।
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संशोधित प्राक्कलन तैयार करके प्राधिकृत अधिकारी से स्वीकृति के लिए भेजी जाती है।
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संशोधित प्राक्कलन भी मुख्य प्राक्कलन की तरह ही तैयार की जाती है ।
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संशोधित प्राक्कलन के साथ एक तुलनात्मक विवरण सब हेड वार अधिकता/बचत के साथ दिखाई जाती है ।
परियोजना सार प्राक्कलन (Project
Abstract Estimate ) (निर्माण परियोजना के लिए)
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परियोजना सार प्राक्कलन रेलवे बोर्ड से स्वीकृति के लिए तैयार किया जाता
है ।
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यह प्राक्कलन इंजीनियरिंग सर्वे रिपोर्ट से तैयार की जाती है ।
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इस प्राक्कलन के साथ (I) मुख्य
विशेषताओं और व्यय की प्रमुख वस्तुओं की व्याख्या करने वाली एक नेरेटिव रिपोर्ट (II) विभिन्न हेडों के तहत ब्यौरेवार प्राक्कलन रहता
है।
निर्माण प्राक्कलन
(Construction Estimate) (निर्माण परियोजना के लिए)
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ब्यौरेवार प्राक्कलन को सामूहिक रूप से परियोजना का निर्माण प्राक्कलन कहा
जाता है।
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इसे अंतिम स्थान सर्वेक्षण (final location survey) से तैयार किया जाता है ।
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निर्माण प्राक्कलन को सुविधाजनक भागों में बांटा जाता है जैसे शाखा लाइन,जंक्शन व्यवस्था आदि ।
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विशेष मामलों में जहां कार्य जल्द से जल्द शुरू करने की
आवश्यकता होती है, सम्पूर्ण
परियोजना के लिए निर्माण प्राक्कलन तैयार करने से पहले चाहे तो उप कार्य के लिए आंशिक प्राक्कलन तैयार करके कार्य को
शुरू किया जा सकता है ।
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लेकिन यह उप कार्य परियोजना के लिए निर्माण प्राक्कलन तैयार करते समय
निरर्थक नहीं होना चाहिए ।
समापन प्राक्कलन
((Completion Estimate) (निर्माण परियोजना के लिए)
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निर्माण परियोजना के अधिक्रमण (supersession) में समापन प्राक्कलन तैयार किया जाता
है ।
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इसे स्टॉक टेकिंग प्राक्कलन भी कहा जाता है।
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इसे तालिका रूप में दिखाया जाता है । जैसे-
स्वीकृत
प्राक्कलित राशि |
उस
तिथि तक वास्तविक व्यय |
उस
तिथि तक वचनबद्धताएं |
अनुमानित
अतिरिक्त व्यय |
कुल
प्राक्कलित लागत |
स्वीकृत
प्राक्कलन और अनुमानित प्राक्कलन के बीच अंतर |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 (2+3+4) |
6 (6-1) |
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इसे संक्षिप्त विवरण के साथ तैयार किया जाता है - जिसमें अधिकता के लिए 10,000 रु या 10% जो भी कम हो, एवं बचत के लिए 1 लाख या 20% जो भी कम हो ।
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लाइन खुलने के तारीख (यानी यात्री यातायात के लिए खोलने की तारीख) के पहले तीन वित्तीय छमाही के किसी एक के खत्म होने से पहले संक्षिप्त
स्पष्टीकरण के साथ तैयार किया जाता है ।