बजट आदेश
संसद द्वारा स्वीकृत अनुदान और राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत प्रभृत (Charge) ख़र्च के लिए विनियोग बिल पास किया जाता है।बजट स्वीकृत होने के बाद रेलवे बोर्ड द्वारा रेल प्रशासनों और रेलवे बोर्ड के अधीन दूसरे प्राधिकरणों में यथाशीघ्र वितरित कर दिए जाते हैं।
इस तरह वितरित की गयी रकमें "आवंटन" कहलाती है और जिन आदेशों के जरिये आवंटन किये जाते हैं उन्हें "बजट आदेश" कहते हैं।
संसद द्वारा स्वीकृत निधियों से किये गए आवंटन "स्वीकृत"(voted) के रूप में दिखाए जाते हैं और राष्ट्रपति द्वारा नियत आवंटन "प्रभृत"(charged) के रूप में दिखाए जाते हैं।
पैरा संख्या 361 वित्त संहिता I
बजट आदेशों के साथ "अनुदान की मांगे" (Demand for grants) और "मशीनरी, निर्माण और चल स्टॉक कार्यक्रम" के अंतिम संस्करण भेजे जाते हैं जिनमें संचालन व्यय और पूँजी, मूल्य ह्रास निधि(DRF),विकास निधि(DF) के खर्च के लिए रेल प्रशासनों को किये गए बजट आंवटन के वितरण का ब्यौरा रहता है।
किसी रेल प्रशासन को बजट आंवटन इस उद्देश्य से किया जाता है कि उसमें वर्ष के दौरान भुगतान किए जाने वाले या उसके लेखों में समायोजित (adjustment) किये जाने वाले प्रभार ,जिसमें पिछले वर्षों की देयताएं(Liability) भी आ जाएं।यह वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक चालू रहता है।
"व्यपगम के सिद्धांत" (Doctrine of Lapse) के अंतर्गत वर्ष के दौरान खर्च न की गई रकम व्यपगत(Lapse) हो जाएगी और आगामी वर्ष में उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं रहेगी।
पैरा 362 वित्त संहिता I
संसद द्वारा स्वीकृत अनुदान और राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत प्रभृत (Charge) ख़र्च के लिए विनियोग बिल पास किया जाता है।बजट स्वीकृत होने के बाद रेलवे बोर्ड द्वारा रेल प्रशासनों और रेलवे बोर्ड के अधीन दूसरे प्राधिकरणों में यथाशीघ्र वितरित कर दिए जाते हैं।
इस तरह वितरित की गयी रकमें "आवंटन" कहलाती है और जिन आदेशों के जरिये आवंटन किये जाते हैं उन्हें "बजट आदेश" कहते हैं।
संसद द्वारा स्वीकृत निधियों से किये गए आवंटन "स्वीकृत"(voted) के रूप में दिखाए जाते हैं और राष्ट्रपति द्वारा नियत आवंटन "प्रभृत"(charged) के रूप में दिखाए जाते हैं।
पैरा संख्या 361 वित्त संहिता I
बजट आदेशों के साथ "अनुदान की मांगे" (Demand for grants) और "मशीनरी, निर्माण और चल स्टॉक कार्यक्रम" के अंतिम संस्करण भेजे जाते हैं जिनमें संचालन व्यय और पूँजी, मूल्य ह्रास निधि(DRF),विकास निधि(DF) के खर्च के लिए रेल प्रशासनों को किये गए बजट आंवटन के वितरण का ब्यौरा रहता है।
किसी रेल प्रशासन को बजट आंवटन इस उद्देश्य से किया जाता है कि उसमें वर्ष के दौरान भुगतान किए जाने वाले या उसके लेखों में समायोजित (adjustment) किये जाने वाले प्रभार ,जिसमें पिछले वर्षों की देयताएं(Liability) भी आ जाएं।यह वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक चालू रहता है।
"व्यपगम के सिद्धांत" (Doctrine of Lapse) के अंतर्गत वर्ष के दौरान खर्च न की गई रकम व्यपगत(Lapse) हो जाएगी और आगामी वर्ष में उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं रहेगी।
पैरा 362 वित्त संहिता I
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