Pages

Thursday, 9 April 2020

Lease & License

लीज:-(1) उपयोगकर्ता एवं मालिक के बीच एक समझौता है जिसमें उपयोगकर्ता संपत्ति के उपयोग के बदले में एक निर्धारित किराया का भुगतान करता है।
(2) संपत्ति अधिनियम 1885 के हस्तांतरण की धारा 105 के अनुसार "पूर्व निर्धारित समय तक संपत्ति का उपयोग करने का अधिकार" संपत्ति के मालिक द्वारा संपत्ति के उपयोगकर्ता को दी जाती है।

लाइसेंस :-(1) लाइसेंस के बिना किसी तीसरे पक्ष द्वारा बौद्धिक संपदा का उपयोग करना नियम का उल्लंघन है।
(2) भारतीय संविदा अधिनियम 1882 की धारा 52 के अनुसार लाइसेंस ,लाइसेंस धारक को सम्पत्ति के किसी भी हिस्से पर कब्जा करने का अधिकार नहीं देता है बल्कि सीमित अवधि के लिए सम्पत्ति का उपयोग करने की अनुमति देता है।

लीज
1. पार्टी :-मालिक और उपयोगकर्ता।
2. एक समय अवधि के लिए पट्टेदार को संपत्ति के अधिग्रहण की अनुमति देता है।
3. यह अपरिवर्तनीय है अर्थात अनुबंध पूरा होने से पहले उसको रद्द नहीं किया जा सकता है।
4. इसे लीज रेंट के रूप में जाना जाता है।
5. यह हस्तांतरणीय है अर्थात पट्टेदार तीसरे पक्ष को पट्टा हस्तांतरित कर सकता है।
6. उपयोगकर्ता कोई भी सुधार संपत्ति में कर सकता है।
7. पट्टेदार के मृत्यु होने पर करार समाप्त नहीं होता है।

लाइसेंस
1. पार्टी:- लाइसेंसर (जिसने अनुमति दी) लाइसेंसी (जिसे अनुमति दी गई)
2. लाइसेंस धारी को इस प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी जाती है।
3. लाइसेंस धारी की इच्छा पर समझौते को पूरा होने से पहले रद्द किया जा सकता है।
4. इसे लाइसेंस फी के रूप में जाना जाता है।
5. यह अहस्तांतरणीय है।
6. लाइसेंस धारी कोई सुधार संपत्ति में नहीं कर सकता है।
7. इसमें समाप्त हो जाता है।


Exp.2004WO,2015WO

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.