- जमानत की रकम सफल निविदाकार से ठेके को उचित ढंग से पूरा करने के प्रमाण के रूप में जमा कराई जाती है।
- जमानत की रकम निविदा के मूल्य के 5% जमा कराई जाती है।
- जमानत की रकम को ठेकेदार द्वारा प्रथम ऑन अकाउंट बिल से पहले नगद में जमा किया जा सकता है या जमा रसीद जो अनुसूचित बैंक का हो या ठेकेदार के रनिंग बिलों से 6% की दर से वसूला जा सकता है जब तक की पूरा जमानत की रकम वसूल ना हो जाए।
- डिफॉल्ट ठेकेदार के मामले में रेलवे लंबित भुगतान की राशि को रिटेंड (बरकरार) रख सकता है। जो राशि बरकरार रखी गई है (जिसमें परफॉर्मेंस गारंटी भी है ) वह निविदा के मूल्य के 10% से ज्यादा नहीं हो सकता है।
- अगर निविदा का मूल्य 50 करोड़ या उससे ज्यादा हो तो जमानत की रकम को अनुसूचित बैंक द्वारा जारी किए गए बॉन्ड को भी जमा किया जा सकता है निविदा दस्तावेज पर कार्यवाही शुरू होने के बाद किंतु प्रथम ऑन अकाउंट बिल से पहले करना होगा। आगे बैंक गारंटी की वैलिडिटी को समय-समय पर बढ़ाया जाएगा यह जीसीसी के क्लॉज 17 एक्सटेंशन ऑफ कॉन्ट्रैक्ट गारंटीड पर निर्भर है।
- अगर जमानत की रकम को जमा रसीद , बैंक गारंटी बॉन्ड के रूप में पूरा जमा कर दिया गया हो तो ठेकेदार के बयाने की रकम को रेलवे द्वारा वापस कर दिया जाएगा।
- भौतिक रूप से कार्य समाप्ति होने पर एवं अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित होने के बाद जमानत की रकम को वापस कर दिया जाएगा।
Refund of Security Deposit.
I) निविदा के अंतिम भुगतान के बाद।
II) अंतिम सप्लीमेंट्री अनुबंध पर हस्ताक्षर या इंजीनियर द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसमें यह लिखा हो कि ठेकेदार पर कोई दावा (claim) नहीं है।
III) रखरखाव अवधि के समाप्ति के बाद जारी प्रमाण पत्र के आधार पर।
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