Differences between PAC and RCC
लोक लेखा
समिति (PAC)
|
रेलवे
अभिसमय समिति (RCC)
|
1.लोक
लेखा समिति एक स्थाई संसदीय समिति है ।
|
1. यह एक अस्थायी संसदीय समिति है जो समय-समय पर
लोकसभा द्वारा गठित कि जाती है।
|
2.लोक
लेखा समिति में 22 सद्स्य होते हैं। (15 लोकसभा तथा 07 राज्यसभा)
|
2. रेलवे अभिसमय समिति में 18 सद्स्य होते हैं (12
लोकसभा तथा 6 राज्यसभा )
|
3. यह
समिति केंद्र सरकार के सभी विभागों या मंत्रालयों के वित्त लेखों/ विनियोग लेखों की जाँच करती है ।
|
3.यह समिति सिर्फ रेलवे मंत्रालयों या भारतीय रेलों
के भीतर वित्तीय मामलों में आवश्यक सुधार का सुझाव देती है ।
|
4. इस
समिति के कार्य का दायरा बहुत व्यापक है ।
|
4. इस समिति के कार्य का दायरा रेलवे तक सीमित है।
|
5. यह
समिति निम्न पर सिफारिश देती है ।
(i) वित्त लेखा/विनियोग लेखों
पर CAG कि
वार्षिक रिपोर्ट की समी़क्षा कर इस पर सिफारिश देती है ।
(ii) भारत
सरकार के वार्षिक लेखों की जाँच एवं समी़क्षा कर इस पर सिफारिश देती है ।
|
5. यह समिति निम्न पर सिफारिश देती है ।
(i)
भारतीय रेलवे द्वारा भारत सरकार को दिये जाने वाले
लाभांश की दर के संबंध में सिफारिश देना ।
(ii) सामान्य
राज़स्व से DRF,DF, etc. में
विनियोग के संबंध में सिफारिश देना।
(iii) रेलवे
वित्तीय प्रशासन में लचीलापन तथा रेलवे लेखा एवम् प्रबंधन में सुधार संबंधि सिफारिशें
करती है।
|
6. लोक
लेखा समिति की लगभग सभी सिफारिशें सरकार द्वारा क्रियान्वित की जाती है जो स्थाई प्रकृति की होती है ।
|
6. रेलवे अभिसमय समिति की
सिफारिशें सामान्यत: 5 वर्षों के लिए लागू की जाती है।
|
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.