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Tuesday, 7 December 2021
Miscellaneous E-receipt system (MERS)
Saturday, 27 November 2021
Purchase Suspense
PURCHASE SUSPENSE
- जब आपूर्तिकर्ता द्वारा सामग्री डिपो को आपूर्ति की जाती है तो उसे एक प्राप्ति नोट की प्रतिलिपि प्राप्त होती है जो भुगतान का दावा करने के लिए आवश्यक है ।
- जो भी सामग्री डिपो में प्राप्त की जाती है उसका भुगतान लेखा कार्यालय द्वारा किया जाता है। अतः लेनदेन जहां सामग्री प्राप्त की जाती है लेकिन उसका भुगतान क्रय सस्पेंस के माध्यम से किया जाता है।
- जितने भी मूल्य के सामग्री डिपो में प्राप्त हुआ उस राशि से परचेज सस्पेंस को डेबिट कर दिया जाता है और जब प्राप्ति रसीद की कॉपी लेखा विभाग में प्राप्त होती है तो परचेज सस्पेंस को क्रेडिट कर दिया जाता है।
- इस उचन्त शीर्ष का मुख्य उद्देश्य है आपूर्तिकर्ताओं को सही और शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करना।
क्रेडिट की पोस्टिंग
डेबिट की पोस्टिंग
Tuesday, 23 November 2021
Monday, 15 November 2021
Saturday, 23 October 2021
Tuesday, 24 August 2021
Letter of Credit
Letter of Credit
- भारतीय रेल ने 01.04.2018 से सप्लायरों/ठेकेदारों के भुगतान के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है जिसे लेटर ऑफ क्रेडिट कहते हैं।
- यह सप्लाई/कार्य के सभी अनुबंधों के भुगतान के लिए लागू है।
- सप्लाई/कार्य के अनुबंध के भुगतान में पारदर्शिता एवं व्यापार करने में आसानी हो इसके लिए भारतीय रेल द्वारा लेटर ऑफ क्रेडिट को अपनाया गया है।
- लेटर ऑफ क्रेडिट 10 लाख मूल्य से ऊपर के सभी टेंडर पर लागू है।
- टेंडर की शर्तों में ही लेटर ऑफ क्रेडिट के माध्यम से भुगतान की शर्त दिया जाएगा, जो ठेकेदार को विकल्प के तौर पर उपलब्ध होगा।
- लेटर ऑफ क्रेडिट के संचालन एवं जारी करने में आकस्मिक व्यय ठेकेदार द्वारा वहन किया जाएगा।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को लेटर ऑफ क्रेडिट के मूल्य एवं एल सी के नियम और शर्तों के आकलन के लिए अधिकृत किया गया है।
- जब ठेकेदार द्वारा बिल सबमिट किया जाएगा तो बिल को निर्धारित नियम के अनुसार जांच कर उस बिल के विरुद्ध डी ए (Document of Authorisation) जारी किया जाएगा।
- लेखा अधिकारी DA जारी करने के लिए उत्तरदायित्व हैं,वो ये भी सुनिश्चित करेंगे कि जो बिल ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत किया गया है वो डुप्लीकेट नहीं है एवं बिल IPAS (Integrated Pay Roll & Accounting System) एवं IREPS (Indian Railway E-Procurement System) के माध्यम से प्रस्तुत हुआ है।
- लेटर ऑफ क्रेडिट के लिए विक्रेता 0.15% व्यय वहन करेगा।
लेटर ऑफ क्रेडिट इस तरह कार्य करेगा।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया विक्रेता को LC जारी करेगा।
- रेलवे कार्य/सप्लाई की समाप्ति पर DA ठेकेदार को जारी करेगा।
- विक्रेता/ठेकेदार DA को अपने बैंकर के सामने भुगतान के लिए उपस्थित करेगा ।
- बैंकर विक्रेता/ठेकेदार को भुगतान जारी करने के बाद DA को रेलवे के बैंकर SBI को भेजेगा।
- रेलवे के बैंकर(SBI) हस्ताक्षर को सत्यापन करने के बाद, आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी किए गए मूल DA और आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी विनिमय बिल के विरुद्ध आपूर्तिकर्ता/ठेकेदार बैंक को प्रतिपूर्ति करेगा।
Sunday, 22 August 2021
Appendix2 Question Paper
Appendix2 Question Paper
NWR GRP 2021 QUESTION PAPER
ECR GRP 2021 QUESTION PAPER
Wednesday, 18 August 2021
General Terms of Financial
General Terms of Financial
1. Gross earning (सकल आमदनी)
2.Gross Receipts (सकल प्राप्तियां)
3.Net earning (शुद्ध आमदनी)
4.Working Expenses (कार्य व्यय)
5.Capital outlay (पूंजीगत परिव्यय)
Sunday, 8 August 2021
Miscellaneous Advance Revenue
MISCELLANEOUS ADVANCE REVENUE.
- विविध अग्रिम राजस्व (MAR) एक सस्पेंस हेड है जो मेजर हेड 3002 भारतीय रेल वाणिज्यिक लाइनों में संचालित होता है।
- इस हेड में अस्थाई रूप से उन लेन देन का लेखा-बद्ध (Accounting) किया जाता है, जिसका फाइनल लेखा शीर्ष में तत्काल समायोजन (Adjustment) नहीं किया जा सके।
- यह लेखा संहिता प्रथम पैरा 223 के अंतर्गत वर्णित है।
- इस शीर्ष के अंतर्गत निम्नलिखित लेनदेन का ब्यौरा रहता है।(I) ऐसा प्रभाव जिसका आवंटन ज्ञात ना हो या जिन्हें किसी अंतिम शीर्ष में तत्काल समायोजन ना किया जा सके।(ii) अंतर विभागीय ऐसे लेनदेन जिसकी स्वीकृति की प्रतीक्षा हो।(iii) सरकारी निर्माण कार्यों से भिन्न ऐसे कार्य जिसमें डिपॉजिट की प्राप्ति की प्रत्याशा है या खर्च की गई राशि की वसूली होनी है।(iv) सप्लाई किए जाने वाले भंडार के लिए अग्रिम भुगतान।(v) सामान की स्थानीय खरीद और अन्य प्रयोजनों के लिए हिसाब दिए जाने तक रेल पदाधिकारियों को किए गए अग्रिम भुगतान।
- यह शीर्ष में हमेशा डेबिट बैलेंस रहता है।
- इस शीर्ष में कोई क्रेडिट बैलेंस ना हो इसकी समीक्षा करते रहना चाहिए।
- सीधे तौर पर क्रेडिट बैलेंस इस हेड में जमा नहीं करनी चाहिए।
Saturday, 7 August 2021
DEBT HEAD REPORT
DEBT HEAD REPORT (DHR)
ऋण शीर्ष रिपोर्ट
- लेखा संहिता प्रथम पैरा 748-752
- ऋण शीर्षों (Debt Head) जैसे लोन एवं एडवांस,पी.एफ.,जमा(Deposite), अंतर सरकार समायोजन (Inter Government Adjustment) के अंतर्गत बकाया का रिपोर्ट है,जिसे ऋण शीर्ष रिपोर्ट कहते हैं।
- यह रिपोर्ट प्रत्येक वित्त सलाहकार एवम मुख्य लेखा अधिकारी द्वारा रेलवे बोर्ड को 10 सितंबर तक भेजना होता है या रेलवे बोर्ड ने जो तिथि निश्चित की हो उस तिथि को।
- इस रिपोर्ट की एक प्रतिलिपि उसी समय सांविधिक लेखा परीक्षक (Statutory Auditor) को भी दिया जाता है।
- प्रतिलिपि को विधिवत लेखा परीक्षा कर बाद एक प्रति रेल मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए जो कि 25 सितंबर तक पहुंच जाए।
Plan Head
Plan Head
01 | 02 | 03 | 04 | 05 | 06 | 07 | 08 |
Source of fund | Plan Head (Minor Head) | Detailed Head | Primary Unit |
Numerical Code | Source of finance |
20 | Capital |
21 | DRF-Depreciation Reserve Fund |
23,33,43,53 | DF-I,II,III & IV |
25 | Capital Fund |
26 | RSF-Railway Safety Fund |
28 | Capital Nirbhaya Fund |
29 | RRSK-Rashtriya Rail Sanrakshak Kosh |
84 | EBR-IF (Extra Budgetary Resources-institutional Finance) |
11 | New lines |
14 | Gauge Conversion |
15 | Doubling |
16 | Traffic Facilities |
17 | Computerisation |
18 | Railway Research |
21 | Rolling stock |
22 | Leased Assets-Payment of capital component of lease charges to IRFC etc. |
29 | Road Safety Works-Level Crossing |
30 | Road Safety Works-(ROB/RUB) |
31 | Track Renewals |
32 | Bridge Works Tunnel works and Approaches |
33 | Signalling and Telecommunication works |
35 | Electrification Projects |
36 | Other Electrical works including TRD works |
41 | Machinery and Plant |
42 | Workshops including production units |
51 | Staff welfare |
53 | Passenger & other Railway users Amenities |
61 | Investment in PSU/JV/SPV etc. |
64 | Others specified works (Government and Non-Government) |
65 | Training/HRD |
71 | Stores suspense |
72 | Manufacturing suspense |
73 | Miscellaneous advances |
81 | Metropolitan Transport Projects |
82 | Transfer to special Railway Safety fund |
Thursday, 5 August 2021
Difference between Zero Base Budget & Performance Budget
Zero Base Budget & Performance Budget.
जीरो आधारित बजट (Zero Base Budget) | प्रदर्शनोमुखी बजट (Performance Budget) |
जीरो आधारित बजट, बजट की एक ऐसी प्रक्रिया है, जो बीता हुआ कार्य एवं कल्पना आधारित गतिविधियों के आधार पर बजट का निर्माण नहीं करती है। | परफारमेंस बजट बजट की ऐसी प्रक्रिया है जो बीता हुआ कार्य एवं कल्पना पर आधारित होता है। |
शून्य आधारित बजट में भौतिक आउटपुट (Physical Output) का पहले मूल्यांकन किया जाता है और इसके बाद वित्तीय इनपुट की मांग की जाती है। | परफारमेंस बजट में वित्तीय इनपुट का अनुमान पहले लगाया जाता है एवं बाद में वास्तविक भौतिक आउटपुट के साथ संबंध स्थापित किया जाता है। |
राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) के लिए शून्य आधारित बजट लागू करने से पहले दो पूर्व आवश्यकताएं होती है (I)गतिविधियों (Activities) के लिए परफॉर्मेंस यूनिट की पहचान (ii) और गतिविधि आवधिक प्रकृति का होना चाहिए ताकि काम की मात्रा का आकलन किया जा सके। | परफारमेंस बजट सभी गतिविधियों पर लागू होता है जो प्रदर्शन इकाई (Performance unit) के लिए चिन्हित है। |
शून्य आधारित बजट गतिविधि (Activities)का आवश्यकता अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है। | परफारमेंस बजट में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। |
शून्य आधारित बजट में ग्रास रूट लेवल पर उद्देश्य को संकलन किया जाता है। | परफॉर्मेंस बजट में मंडल स्तर पर संकलन किया जाता है। |
Friday, 4 June 2021
DRAFT PARA
DRAFT PARA
- लेखा परीक्षा की गतिविधियों के दौरान नोटिस में आने वाली जिस गंभीर अनियमितता को रेलवे लेखा-परीक्षा रिपोर्ट में शामिल करने के लिए मुख्य लेखा परीक्षक एक पैरा का प्रस्ताव करता है उसे "ड्राफ्ट पैरा" कहते हैं।
- मुख्य लेखा परीक्षक यह निश्चय करता है कि स्पेशल पत्र, ऑडिट नोट, निरीक्षण रिपोर्ट या प्राथमिक तथ्यात्मक विवरण आदि को लेखा परीक्षा रिपोर्ट में शामिल किए जाने के लिए एक ड्राफ्ट पैरा में बदलने की आवश्यकता है तो वह ड्राफ्ट पैरा तैयार करते हैं।
- ड्राफ्ट पैरा महाप्रबंधक के व्यक्तिगत पते पर साथ ही उसकी अग्रिम प्रतियां संबंधित पत्र व्यवहार के साथ रेलवे के प्रमुख वित्त सलाहकार, संबंधित विभागाध्यक्ष, नियंत्रक महालेखा परीक्षक (रेलवे )और कार्यकारी निदेशक लेखा- रेलवे बोर्ड को भेजा जाता है।
- ड्राफ्ट पैरा की प्राप्ति से 8 सप्ताह की अवधि के भीतर रेलवे बोर्ड के साथ विचार-विमर्श के बाद रेलवे प्रशासन को अंतिम उत्तर मुख्य लेखा परीक्षक को भिजवा देना चाहिए।
- रेल प्रशासन द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट उत्तर का रेलवे बोर्ड से अनुमोदन कराने के लिए महाप्रबंधक को ड्राफ्ट पैरा के प्रस्तावित उत्तर के साथ निम्नलिखित अतिरिक्त सूचना भी रेलवे बोर्ड को भेजनी चाहिए। (i) मामले का इतिहास एवं पत्राचार की प्रतियां। (ii) ड्राफ्ट पैरा पर वाक्य वार टिप्पणी।।(iii) जहां विषय-वस्तु पर कार्यवाही करने में विलंब हुआ उसका सारांश।(iv) ऐसे मामलों की भविष्य में पुनरावृति रोकने के लिए की गई कार्यवाही।। (v) अनुशासनिक पहलू जहां आवश्यक हो।
- रेल प्रशासन यदि कोई संशोधन करने का सुझाव देना चाहता है या वह कोई टिप्पणी अंतिम उत्तर देने के पूर्व मुख्य लेखा परीक्षक के विचार प्रस्तुत करना चाहता है तो उसे यह सब तय कर लेना चाहिए जिससे कि अंतिम उत्तर भेजने में 8 सप्ताह से अधिक विलंब ना हो।
- ड्राफ्ट पैरा को रेल प्रशासन द्वारा वित्त सलाहकार और मुख्य लेखाधिकारी से विधिवत विधिक्षा (duly vetted) कराकर मुख्य लेखा परीक्षक को देना चाहिए।
- ड्राफ्ट पैरा के उत्तर की प्राप्ति के बाद, उसको जांच कर भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक (रेलवे) संपादित पैराग्राफ को रेलवे बोर्ड के पास एक निश्चित अवधि के भीतर, तथ्यों के सत्यापन और ऐसे मुद्दों पर यदि आवश्यक हो तो आगे स्पष्टीकरण के लिए भेजेगा। इसके बाद ही पैरा को रेलवे की वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट में शामिल किया जाता है।
- रेलवे बोर्ड की संविदाओं, योजनाओं और मंजूरी से संबंध ड्राफ्ट पैरा सीधे रेलवे बोर्ड द्वारा प्राप्त किए जाएंगे और उनका निपटारा भी रेलवे बोर्ड करेगा।
Monday, 31 May 2021
DRAFT PARA AND AUDIT PARA
DRAFT PARA AND AUDIT PARA.
DRAFT PARA | AUDIT PARA |
| 1भारतीय रेल में ड्राफ्ट पैरा पर समाधान नहीं होने के कारण CAG की वार्षिक रिपोर्ट में शामिल करने के लिए जिस पैरा का प्रस्ताव किया जाता है उसे "ऑडिट पैरा" कहा जाता है । |
| 2. यह भी गंभीर मामलों के लिए तैयार किया जाता है एवं यह स्थाई व अंतिम है। |
| 3. ड्राफ्ट पैरा की आपत्तियों का निपटारा न होने पर या किसी और कारण की वजह से ड्राफ्ट पैरा को ऑडिट पैरा में बदल दिया जाता है। |
| 4. ऑडिट पैरा की जांच लोक लेखा समिति करती है पीएसी इस पर रेलवे प्रशासन से वार्तालाप करती है और रेल मंत्रालय द्वारा अनुमोदित कराया जाता है। |
| 5. ऑडिट पैरा एक वित्तीय वर्ष के दौरान पूरे भारतीय रेलवे के लिए सम्मिलित रूप से एक ही बनाया जाता है। |
Wednesday, 24 March 2021
Saturday, 13 March 2021
CAPITAL EXPENDITURE ALLOCATION
CAPITAL EXPENDITURE ALLOCATION.
01 | 02 | 03 | 04 | 05 | 06 | 07 | 08 |
Source of fund | Plan Head (Minor Head) | Detailed Head | Primary Unit |
Numerical Code | Source of finance |
20 | Capital |
21 | DRF-Depriciation Reserve Fund |
23,33,43,53 | DF-I,II,III & IV |
25 | Capital Fund |
26 | RSF-Railway Safety Fund |
28 | Capital Nirbhaya Fund |
29 | RRSK-Rashtriya Rail Sanrakshak Kosh |
84 | EBR-IF (Extra Budgetary Resources-institutional Finance) |
11 | New lines |
14 | Gauge Conversion |
15 | Doubling |
16 | Traffic Facilities |
17 | Computerisation |
18 | Railway Research |
21 | Rolling stock |
22 | Leased Assets-Payment of capital component of lease charges to IRFC etc. |
29 | Road Safety Works-Level Crossing |
30 | Road Safety Works-(ROB/RUB) |
31 | Track Renewals |
32 | Bridge Works Tunnel works and Approaches |
33 | Signalling and Telecommunication works |
35 | Electrification Projects |
36 | Other Electrical works including TRD works |
41 | Machinery and Plant |
42 | Workshops including production units |
51 | Staff welfare |
53 | Passenger & other Railway users Amenities |
61 | Investment in PSU/JV/SPV etc. |
64 | Others specified works (Government and Non-Government) |
65 | Training/HRD |
71 | Stores suspense |
72 | Manufacturing suspense |
73 | Miscellaneous advances |
81 | Metropolitan Transport Projects |
82 | Transfer to special Railway Safety fund |