Pages

Friday, 31 July 2020

WAMS


WAMS

WORKSHOP ACCOUNTING MANAGEMENT SYSTEM.

  1. WAMS एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (AIMS के लिए सॉफ्टवेयर) है जिसे CRIS ने विकसित किया है। यह वेब आधारित तीन स्तरीय केंद्रीय कृत एप्लीकेशन है जिसमें जावा और ओरेकल का उपयोग किया गया है।
  2. इस सॉफ्टवेयर में निम्नलिखित 4 मॉड्यूल निहित है।
  • इंसेंटिव मॉड्यूल
  • वर्कशॉप जनरल रजिस्टर मॉड्यूल
  • वर्कशॉप मैनुफेक्चरिंग सस्पेन्स मॉड्यूल
  • वर्कशॉप कॉस्टिंग सिस्टम मॉड्यूल
3. इसके अतिरिक्त यह एप्लिकेशन IMMS (Integrated Material Management System) से भी जुड़ा है।

उद्देश्य-


  1. यह एप्लिकेशन वर्कशॉप मैन्युफैक्चरिंग सस्पेन्स एकाउंट करंट जनरेट करता है जो वर्कशॉप लेखा कार्यालय में मासिक चालू खाता (Monthly Account Current) को अंतिम रूप दिए जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  2. वर्कशॉप मैन्युफैक्चरिंग सस्पेन्स मासिक चालू खाता के अलावा यह एप्लिकेशन वर्क ऑर्डर वार व्यय का विश्लेषण,WMS बजट का विश्लेषण, प्रति इकाई दर विश्लेषण, वर्कशॉप जनरल रजिस्टर जनरेट करना,आउट टर्न जेवी चालू खाते के लिए जनरेट करना आदि के लिए भी उपयोग है।
  3. यह समान रूप से वर्कशॉप लेखा इकाई के सभी प्रकार के कार्यों को पूरा करने और रेलवे में एक समान प्रबंधकीय रिपोर्ट तैयार करने के लिए विकसित किया गया है।

Sunday, 26 July 2020

Special limited tender


Special Limited Tender

विशेष सीमित निविदा


स्पेशल लिमिटेड टेंडर निम्नलिखित परिस्थितियों में FA&CAO के सहमति से अपनाया जा सकता है-

  • स्पेशल प्रकृति के कार्य (PHOD के सहमति से)
  • तत्काल प्रकृति के कार्य ( महाप्रबंधक के व्यक्तिगत अनुमोदन से)
  • कंसल्टेंसी कार्य (महाप्रबंधक के व्यक्तिगत अनुमोदन से)

स्पेशल लिमिटेड टेंडर के लिए विशिष्ट एवं ख्याति प्राप्त ठेकेदार/संस्था/एजेंसी को कार्य करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

स्पेशल लिमिटेड टेंडर के लिए परिस्थितियों और आवश्यकता के बारे में विस्तार से एक प्रस्ताव तैयार करना चाहिए एवं PHOD की व्यक्तिगत स्वीकृति प्राप्त होने से पहले FA&CAO (ओपन लाईन) FA&CAO/C (निर्माण संगठन) से स्वीकृति प्राप्त करना चाहिए।


निविदाएं जिसके लिए स्पेशल लिमिटेड टेंडर आमंत्रित की जानी है उसमें 6 से अधिक ठेकेदार होनी चाहिए किंतु 4 से कम नहीं होनी चाहिए। ठेकेदार अनुमोदित सूची का ही हो यह आवश्यक नहीं है।

Wednesday, 22 July 2020

AFA 30% SYLLABUS

            

AFA 30% SYLLABUS

RAILWAY BOARD LETTER N. E (GP) 2022/2/4 DATED 22/07/2022

1.

General Principles of Govt. Accounting and Audit with Special Reference to Railways

15

2.

Books and Budget including Traffic Book

15

3.

Traffic Accounts and Statistics

15

4.

Establishment

15

5.

General Expenditure

15

6.

Workshop Accounts

15

7.

Store Accounts

15

 

Total

105

 

 

 

 

General knowledge including optional questions of 15 marks on official Language Policy and Rules

40

 

Management Accounting and Financial Justification for expenditure

30

 

Total

175

 

Qualifying marks

90

 

Duration 3 Hours

 

 

 

Note:

i. Question paper will have 175 question out of which 150 questions are to be attempted.

ii.                  1 mark will be allotted for every correct answer. There shall be negative marking for incorrect answers and 1/3rd marks allotted for each question will be deducted for every wrong answer.                          

Monday, 20 July 2020

Difference Between Demand Recoverable and Bills Recoverable


Difference Between Demand Recoverable and Bills Recoverable.



वसूली योग्य मांग (Demand Recoverable)
बिल्स वसूली (Bills Recoverable)
1. वसूली योग्य मांग की शुरुआत रेलवे में 01.04.1988 से हुआ है।
1. बिल्स वसूली रेलवे में शुरू से ही है।
2. वसूली योग्य मांग यातायात उचन्त का एक भाग है अतः इसकी वसूली से यातायात उचन्त में कमी आती है जिससे परिचालन अनुपात बेहतर होता है।
2. बिल्स वसूली से राजस्व मांग में कमी आती है जिससे भी परिचालन अनुपात बेहतर होता है।
3. इसके प्रचालन का प्रमुख उद्देश्य है रेंट, लीज प्रभार बिल्डिंग का, ब्याज एवं अनुरक्षण प्रभार साइडिंगों का प्राइवेट पार्टियों से वसूल कर रेलवे के खाते में लाना।
3. इसके प्रचालन का प्रमुख उद्देश्य है जल, बिजली,कर्मचारी प्रभार प्राइवेट पार्टियों से वसूल कर रेलवे के खाते में लाना।
4. यह सरकारी और वाणिज्यिक लेखा को जोड़ने के लिए एक लिंक हेड है।
4. यह लिंक हेड नहीं है।
5.जब रेलवे बिल्स तैयार करती है तो-

वसूली योग्य मांग………..Dr.
To "Z" आय…………...Cr. 
5.जब रेलवे बिल्स तैयार करती है तो-

संबंधित राजस्व मांग……….Dr.
To चेक एंड बिल्स………...Cr.
6.जब पार्टी से भुगतान प्राप्त हो जाती है तो-
Remittance into Bank……….Dr.
To Demand Recovarable…...Cr.
6.जब पार्टी से वसुली हो जाती है तो-

Remittance into Bank………….Dr.
To Concerned Revenue Demand..Cr.
7. यह विविध आय का भाग है।
7. यह विविध आय भाग नहीं है, क्योंकि यह पार्टी से वसूली के पहले ही राजस्व व्यय के मांग में कम कर के लेखा में दिखाया गया है (सिर्फ पानी एवं बिजली प्रभार को छोड़कर)


(2000W,2016W,2017-18 Books & Budget)

Sunday, 19 July 2020

Schedule of Power

Schedule of Power


परिभाषा-

रेल प्रशासन सुचारू रूप से चले इसके लिए रेलवे बोर्ड महाप्रबंधक को शक्ति प्रदान करते हैं,इसे ही "शिड्यूल ऑफ पावर" कहते हैं।
          इन शक्तियों को महाप्रबंधक प्रमुख वित्त सलाहकार के परामर्श से अपने अधीनस्थ अधिकारियों में वितरित कर देते हैं।

उद्देश्य-

शिड्यूल ऑफ पावर का प्रमुख उद्देश्य है कि किसी भी कार्य पर अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा त्वरित निर्णय लेना एवं शक्तियों का विकेंद्रीकरण।

        शिड्यूल ऑफ पावर का प्रयोग प्राधिकार द्वारा निर्धारित अधिकार एवं निर्धारित सीमा तक ही किया जाता है। यह अधिकार मौजूदा कोडल प्रक्रियाओं,नियमों एवं रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी किए गए पत्रों पर आधारित होता है। साथ ही यह शक्तियां फण्ड की उपलब्धता पर भी निर्भर है।बिना महाप्रबंधक के अनुमोदन से कोई शक्तियों का पुनः प्रत्यायोजन नहीं किया जा सकता है।

महाप्रबंधक शक्तियों का वितरण तीन शीर्षकों के तहत वर्गीकृत करते हैं।
I-PHODs/HODs
II-Field units DRM/ADRM/SAG
III-Divisional/Extra Divisional Officers and Officers in Headquarter.


शिड्यूल ऑफ पावर को कई भागों में बंटा गया है-

(i) कार्यों से संबंधित मामलों
(ii) वाणिज्यिक मामलों
(iii)स्टोर के मामले
(iv)स्थापन मामले
(v) मेडिकल मामले
(vi) विविध मामले


कुछ शक्तियां ऐसी है कि महाप्रबंधक अपने अधीनस्थ अधिकारियों को वितरित नहीं करते हैं, उसे महाप्रबंधक के नकारात्मक शक्ति के रूप में जाना जाता है।जिसके लिए उच्च अधिकारी या रेलवे बोर्ड से परामर्श लिया जाता है।

Saturday, 18 July 2020

Bills Recoverable


Bills Recoverable (बिल्स वसूली)

पैरा 1138-लेखा संहिता I

  1. रेलवे द्वारा किसी पार्टी या व्यक्तियों को (जो रेलवे से संबंधित नहीं है) की गई सेवा, दी गई सामग्री या कोई अन्य प्रयोजन के लिए जो रकम वसूली की जाती है उसे बिल्स वसूली कहते हैं।
  2. रेलवे द्वारा अन्य पार्टियों को विभिन्न प्रकार की सेवा दी जाती है जैसे जमीन का किराया, बिल्डिंग किराया किंतु बिल्स वसूली के अंतर्गत दो सेवाएं में मुख्य रूप से आती है (i)वाणिज्य कर्मचारी/अन्य रेल कर्मचारी जो प्राइवेट साइडिंग पर कार्य कर रहा है।(ii) अन्य पार्टियों के बैगन का अनुरक्षण प्रभार।
  3. चूंकि रेलवे अपने कर्मचारियों को वेतन पहले ही दे दी होती है, अतः इसकी वसूली सुचारू रूप से हो इसके लिए एक रजिस्टर रखना चाहिए (1139-A-I) एवं प्रत्येक पार्टी के लिए अलग-अलग पृष्ठ खोलना चाहिए।
  4. रजिस्टर को मासिक रूप से समीक्षा करनी चाहिए जिसमें यह देखना चाहिए कि सभी पार्टियों से ठीक से वसूली हो रही है कि नहीं।
  5. लेखा अधिकारी का कर्तव्य होगा कि बिल की वसूली समुचित तरीके से वह यह सुनिश्चित करें इसके लिए संबंधित कार्यकारी अधिकारी को समय-समय पर ध्यान आकर्षित करें।

जनरल इंट्री

1.जब पार्टी से वसूली के लिए बिल्स तैयार किया जाता है तो-

संबंधित राजस्व शीर्ष..........................Dr.
To चेक एंड बिल्स............................Cr.

2.जब पार्टी से धन की वसूली हो जाती है तो-
Remittance into Bank(RIB).........Dr.
To Concerned Revenue Demand..Cr.

*उपरोक्त जनरल इंट्री वेतन के मामले में है।

Wednesday, 15 July 2020

Differences Between Demand Payable and Demand Recoverable


Differences Between Demand Payable and Demand Recoverable  


देय मांगे (Demand Payable)
वसूली योग्य  मांगे (Demand Recoverable)
01. देय मांगे एक सस्पेन्स हेड है जो खर्च के लिए संचालित किया जाता है ।       
01.वसूली योग्य मांगे एक सस्पेन्स हेड है हो आमदनी के लिए संचालित किया जाता है ।
02.इसमें हमेशा क्रेडिट शेष बतलाता है,इसका अर्थ यह हुआ की अभी भुगतान होना बाकी है ।
02.इसमें हमेशा डेबिट शेष बतलाता है, इसका अर्थ यह हुआ की अभी पार्टी से वसूली होना बाकी है ।      
03.देय मांगे का संचालन किसी महीने की उपचित (accrued) समस्त राजस्व देयतायों को उसी महीने के लेखे में लाने के लिए किया जाता है । चाहे उसका निपटारा उस महीने में हुआ हो या नहीं ।
03.वसूली योग्य मांगे समस्त राजस्व आय को जो उपचित हो गया है को लेखे में लाने के लिए किया जाता है ।
04.यह शीर्ष कार्य संचालन व्यय (working exp.) के दायित्व को पूरा करने के लिए संचालित किया जाता है।
04. यह क्रेडिट बिलों रेलवे के भूमि के किराए,ब्याज,अनुरक्ष्ण प्रभार साइडिंगो के, ROB,FOB एवं लेवल क्रोसिंगों के अनुरक्ष्ण प्रभार को लेखे में लाने के लिए संचालित किया जाता है ।
05. यह प्रत्येक महीने के लिए अलग-अलग खोला जाता है ।
05.यह एक निरंतर खाता है जो वसूलियों के निपटान तक चलता रहता है ।
06.जब मार्च का सैलरी बिल पास होता है तो जनरल इंट्री मार्च के लेखे बंद होने से पहले

Revenue Head.....................Dr.
To Demand Payable...........CR.
06. रेलवे द्वारा पार्टी के लिए बिल्स तैयार करने पर

Demand Recoverable.............Dr.
To Abstract “Z”……………………………..Cr.
07.समायोजन के पश्चात
Demand Payable...........DR.
To Cheques & Bills ......Cr.


07. पार्टी से भुगतान प्राप्त होने पर
Remmittance into Bank (RIB)….Dr.
To Demand Recovarable……………Cr.  


2012,2015 Books & Budget

Friday, 10 July 2020

National Railway Users Consultative Council


National Railway Users Consultative Council


राष्ट्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री परिषद


  • परिषद का गठन 1953 में किया गया था।
  • रेलवे उपयोगकर्ताओं को बेहतर प्रतिनिधित्व देने और रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा से संबंधित मामलों पर विचार करने के उद्देश्य इस परिषद का गठन किया गया है।
  • ये परिषद तीन स्तर पर है
1.राष्ट्रीय स्तर -राष्ट्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री परिषद (National Railway Users Consultative Council (NRUCC)

2.क्षेत्रीय स्तर - क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (Zonal Railway Users Consultative Committee (ZRUCC)

3. मंडल स्तर - मंडल रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (Divisional Railway Users Consultative Committee (DRUCC)

कर्मचारियों के अनुशासन और नियुक्ति से संबंधित प्रश्न समितियों या परिषद के सामने नहीं लाने जाने चाहिए।


समिति की बैठकों या समिति के किसी भी अन्य कार्य में भाग लेने के लिए सभी गैर सरकारी सदस्यों को यात्रा और यात्रा भत्ता के लिए निशुल्क पास जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है।

लक्ष्य-

I. रेलवे उपयोगकर्ता को बेहतर प्रतिनिधित्व।
II. सेवा से संबंधित मामलों पर रेलवे और उपयोगकर्ताओं के बीच परामर्श के लिए अधिक एवं लगातार अवसर देना।
III. यात्री सेवाओं में सुधार।

कार्य-

सुविधाओं का प्रावधान

नए स्टेशनों का उद्घाटन

यात्री सेवाएं एवं सुविधाओं में सुधार

सदस्य-

वाणिज्य मंडल, व्यापार संघ, उद्योग एसोसिएशन, कृषि संघ, विकलांग एसोसिएशन, पंजीकृत संघ, उपभोक्ता संरक्षण संगठन, विधायक, सांसद, रेलवे के अधिकारी आदि।

NRUCC-

अध्यक्ष-रेलमंत्री, सचिव-निदेशक यातायात वाणिज्यिक (सामान्य), कार्यकाल- 2 वर्ष, कार्यकाल शुरू-जुलाई से, मिलने का संख्या-2 बार।

ZRUCC-

अध्यक्ष-महाप्रबंधक, सचिव-जीएम के सचिव या जीएम द्वारा नामित अन्य अधिकारी, कार्यकाल- 2 वर्ष, कार्यकाल शुरू-अप्रैल से, मिलने का संख्या-3 बार।

DRUCC-

अध्यक्ष-डीआरएम, सचिव-Sr. Dom/Sr.Dcm, कार्यकाल- 2 वर्ष, कार्यकाल शुरू-जनवरी, मिलने का संख्या-3 बार से कम नहीं।


(2015GRP)

Wednesday, 8 July 2020

Demand Recoverable


Demand Recoverable (वसूली योग्य मांगे)

  1. वसूली योग्य मांगे एक सस्पेन्स हेड  है जो आमदनी के लिए संचालित किया जाता है।
  2. इस सस्पेंस हेड के अंतर्गत विभिन्न आमदनी "जेड" आय को रखा जाता है।
  3. इस सस्पेन्स हेड के संचालन का मुख्य उद्देश्य है साइडिंग प्रभार, किराया, वे लीव चार्ज, जमीन का किराया जो बकाया है को रेलवे के खाते में लाना।
  4. वसूली योग्य मांग के क्लियर से ट्रैफिक सस्पेंस में कमी आती है जो कि परिचालन प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।
  5. वसूली योग्य मांग का अंतिम शेष बकाया वसूली को दिखाता है।
  6. यह एक लिंक हेड भी है जो सरकारी और वाणिज्यिक लेखों को जोड़ता है।

जनरल एंट्री

1. जब रेलवे लेखा में लेने के लिए, पार्टी के लिए बिल्स तैयार करता है तो-

Demand Recoverable..............Dr.
To Abstract  "Z" ........................Cr.

2.जब पार्टी से वास्तव में भुगतान प्राप्त हो जाता है तो-

Remittance into Bank(RIB)........Dr.
To Demand Recoverable............Cr.

3.कुछ बिल अगर वापस ले लिया जाता है जो या माफ कर दिया जाए तो -


Abstract "Z".........................-Minus Cr.
To Demand Recoverable...-Minus Dr.




(2000WExp.,2010WO,2012W0,2016W,2017-18 Books & Budget)

Saturday, 4 July 2020

LDCE QUESTION PAPER SCR 2020


LDCE QUESTION PAPER ONE SCR 2020



LDCE QUESTION PAPER TWO SCR 2020



Thursday, 2 July 2020

Demand Payable


Demand Payable

देय मांगे 

पैरा 220 लेखा संहिता प्रथम 

  1. देय मांगे एक उचन्त शीर्ष (suspense head) है जो मांग संख्या 12 Abstract N के तहत संचालित होता है। यह कार्य संचालन व्यय है।
  2. यह एक लिंक हेड भी है जो वाणिज्यिक लेखा के साथ सरकारी लेखा को जोड़ता है ।
  3. सरकारी लेखे में खर्च या प्राप्तियां केवल तभी रिकॉर्ड की जाती है जब वे वस्तुतः संवितरित (disbursed) किए गए हो या वसूल किए गए हो। इसके विपरीत रेलवे लेखों जो कि वाणिज्य आधार पर रखे जाते हैं महीने में अंगीकृत खर्च (expenditure incurred) या उपचित आमदनी (earning accrued) दिखाई जाएगी चाहे उसका वास्तव में भुगतान या वसूली की गई हो अथवा ना की गई हो।
  4. देय मांगों के प्रचालन का प्रमुख उद्देश्य है कि किसी महीने की उपचित समस्त राजस्व देयताओं को उसी महीने के लेखे में लाया जा सके।
  5. रेलवे की एक महीने की राजस्व देयताएं जो उसी महीने में देय न हो तो उसे "देय मांगे" नामक उचन्त शीर्ष में दूतरफा ज़माकर के महीने के संचालन व्यय के रूप में लिखें में दिखाई जाती है। जब देयताएं वास्तव में दे दिया जाता है तो उस राशि से इस शीर्ष को डेबिट कर दिया जाता है।
  6. इस प्रकार इस उचन्त शीर्ष में जो राशि रहेगी वह देयता को दिखाई देगी। इस उचन्त शीर्ष में बकाया राशि हमेशा क्रेडिट बैलेंस रहेगी।
  7. इस उचन्त शीर्ष में प्रत्येक महीने के लिए अलग-अलग खाता खोला जाता है जैसे अप्रैल का मई का।

जनरल एंट्री इस प्रकार होगा-

Salary Bill for March, Passed for Payment in April

1. मार्च के लेखे बंद होने से पहले जनरल एंट्री

Final Heads of Revenue Working Exp. .......Dr.

To Demand Payable..............Cr.


2. मार्च के देय मांगों की देयता समायोजन होने के बाद -

Cash Book entry (April Account)

Demand Payable..............Dr.

To Cheque and bills........Cr.




(2006,2012WO,2015W,2016 Books & Budget)

Wednesday, 1 July 2020

Capital and Revenue Account


Capital and Revenue Account


पूंजी और राजस्व लेखा


  1. रेलवे अपने लेखों की वित्तीय समीक्षा वाणिज्यिक उपक्रम के रूप में करने के लिए जो लेखा वर्ष के अंत में प्रस्तुत करते हैं उसे "पूंजी और राजस्व लेखा" कहते हैं।
  2. यह समीक्षा प्रत्येक वर्ष की जाती है, यह पूंजी और राजस्व लेखा के लिए अलग-अलग की जाती है, और रेलवे के वार्षिक रिपोर्ट में शामिल की जाती है।
  3. किसी रेलवे के संचालन के वित्तीय परिणामों का पर्याप्त रूप से मूल्यांकन तब तक नहीं किया जा सकता है जब तक कि उसके पूंजीगत लेन-देन का हिसाब उसके राजस्वगत लेनदेन से अलग ना रखा जाए।
  4. पूंजीगत लेनदेन उन्हें कहा जाता है जो मूर्त परिसंपत्तियों के अधिग्रहण से संबंधित हो और राजस्वगत लेनदेन यह है जो रेलों के संचालन से संबंधित हों जिनमें आमदनी और संचालन व्यय दोनों शामिल है।
  5.  अलाभप्रद परियोजनाओं, यात्रियों और अन्य रेल उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधाएं, कर्मचारियों के लिए सुविधाओं और सुरक्षा कार्यों जो विकास निधि से वित्त पोषित है, सुरक्षा निधि, RRSK में से किया गया खर्च अलग से दिखाया जाता है।
  6. पूंजी एवं राजस्व लेखा का विवरण विभिन्न रजिस्टरों की सहायता से तैयार किया जाता है। जैसे विभिन्न निधियों के रजिस्टर से पूंजी व्यय का विवरण एवं उसी प्रकार राजस्व व्यय राजस्व आवंटन रजिस्टर और आमदनी के संबंध में आमदनी का रजिस्टर से तैयार किया जाता है एवं रेल मंत्रालय में प्रतिवर्ष 15 दिसंबर तक भेजा जाता है।
  7. लेखा संहिता प्रथम पैरा 202

Differences Between Remittance Transaction & Transfer Transaction

Differences Between Remittance Transaction & Transfer Transaction

धन प्रेषण लेनदेन और अंतरण लेनदेन 

धन प्रेषण लेनदेन (Remittance Transaction)
अंतरण लेनदेन (Transfer Transaction)
01.रेल मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के बीच RBI के केंद्रीय लेखा विभाग के माध्यम से निपटाये जाने वाले लेनदेन को धन प्रेषण लेनदेन कहते हैं ।
1.एक ही रेलवे की विभिन्न लेखा इकाइयों या दो रेलवे के बीच लेनदेन को अंतरण लेनदेन कहते हैं ।
02.यह लेनदेन चेक और ड्राफ्ट के माध्यम से किया जाता है ।                                 
02.यह लेनदेन खाता समायोजन (Books Adjustment) के जरिये होता है ।      
03. इसमें लेनदेन की सूचना डेबिट/क्रेडिट एडवाइस द्वारा की जाती है ।
03.इसमें लेनदेन की सूचना TC द्वारा दी जाती है ।
04.इसमें निम्न उचंत शीर्ष प्रचालित किए जाते हैं –
L-Suspense, RBS, Various Government Adjustment Suspense.
04.इसमें किसी भी प्रकार के उचंत शीर्ष का प्रचालन नहीं किया जाता है ।
05.इसके अंतर्गत बकाया के निपटारे के लिए रेल प्रशासन के साथ-साथ संबंधित राज्य सरकार एवं अन्य लेखाधिकारी का योगदान रहता है,साथ ही आरबीआई का भी योगदान रहता है।
05.इसके निपटारे के लिए पूरी तरह रेल प्रशासन उत्तरदायी होता है ।
06. इसका विस्तृत वर्णन लेखा संहिता प्रथम के 417 से 435 पैरा में है ।
06. इसका विस्तृत वर्णन लेखा संहिता प्रथम पैरा 404 से 416 में है ।

 



(2000W, 2006W, B&B,2004 Exp.,2016 GRP)