सिविल हेड
- 01.04.1989 से सिविल हेड प्रचलन में आया।
- रेलवे, भुगतान एवं प्राप्ति से संबंधित सभी आइटमों जिसका नियंत्रण अन्य सिविल विभाग के पास है, को जिस हेड में बुक करते हैं, उसे सिविल हेड कहते हैं । (रेलवे द्वारा वाणिज्य विभाग के रूप में प्रदान की जाने वाली सेवाओं को छोड़कर।)
- सभी राशियों को सीधे सिविल हेड को बुक कर दी जाती है।मासिक चालू लेखा (Monthly Account Current) के पब्लिक लेखा (Public Account) में सिविल हेड सब हेड के रूप में रहता है।
- वित्तीय वर्ष के अंत में, सिविल हेड के अंतर्गत शेष राशि को अगले वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ाया जाता है। यह हेड "सरकारी खाते" ( Government Account) के रूप में रेलवे में बंद किया जाता है।
उदाहरण के लिए-
(I) कर्मचारियों और ठेकेदारों/सप्लायरों से आयकर की वसूली।
(II) CGIS की वसूली।
(III) कर्मचारियों से PLI की वसूली।
(IV) सामान्य राजस्व से लाभांश का भुगतान।
(V) केंद्रीय सरकार से ऋण पर ब्याज।
लाभ
(I) रेलवे जहाँ दूसरे विभाग के साथ लेनदेन के लिए एजेंट का काम करती है वहां से कैश लेनदेन की समाप्ति। (उदाहरण के लिए इनकम टैक्स की वसूली)
(II) अब ये आवश्यक नहीं रहा कि रेलवे चेक जारी करे वैसे भुगतान के लिए जो अभी वसूली के लिए बकाया है, या नगद रिकवरी के लिए।
(III) इस प्रक्रिया से PAO Suspense में बुकिंग में कमी आई है।