Apportionment of Earnings.
आय का विभाजन
- जब यातायात के आय से केवल एक रेलवे धन प्राप्त करता है किंतु उस आय को दो या दो से अधिक रेलवे के बीच साझा करता है तो उसे आय का विभाजन (Apportionment of Earnings) कहते हैं।
- अर्थात आय का विभाजन का अर्थ है कि वह रेलवे जिसने यातायात को बुक कर आमदनी प्राप्त किया एवं उसमें से अन्य रेलवे को भी शेयर दिया।
- लेखा संहिता द्वितीय के पैरा 3218 से 3224 में आय के विभाजन के बारे में नियम दिया गया है।
- आय के विभाजन का मूल सिद्धांत है यात्री द्वारा तय की गई दूरी और माल यातायात के संबंध में तय की गई कुल दूरी।
- उदाहरण के लिए माना कि कोई यात्री भुवनेश्वर से नई दिल्ली की यात्रा की तो आय में ECOR,ECR,WCR,NCR,NR रेलवे को भी हिस्सा दिया जाएगा।
- यात्री और गुड्स से आय का विभाजन Computerized Centralized Apportionment System (CAS) के द्वारा किया जाता है।
- वर्तमान में दो तरीके हैं आय के विभाजन के लिए (i) पैसेंजर और गुड्स आय के विभाजन के मामले में रेलवे बोर्ड केंद्रीकृत एजेंसी को नियुक्त किए हैं जो डिटेल्स में इनवार्ड और आउटवर्ड आय का मैट्रिक्स प्रत्येक रेलवे को शेयर करता है।(ii)पार्सल से कमाई , पोस्टल से कमाई जो अन्य रेलवे द्वारा संकलित किया जाता है उसे विभाजन शीट्स के द्वारा विभाजित किए जाते हैं।
- ट्रैफिक बुक पार्ट बी में आय के विभाजन से हुई आमदनी को रखा जाता है।
Originating Earning (उत्पन्न आय)
- ऐसा आय जो यातायात को बुक कर किसी रेलवे द्वारा प्राप्त तो किया जाता है किंतु उसका विभाजन अन्य रेलवे में नहीं किया जाता है।
- प्रिंटेड कार्ड टिकट से हुई आमदनी का विभाजन नहीं होता है उसे Originating रेलवे द्वारा रखा जाता है।
- बैलेंक पेपर टिकट से हुई आमदनी का भी विभाजन नहीं होता है और इसे Originating रेलवे द्वारा रखा जाता है।
- एक्सेस फेयर टिकट से हुई आमदनी का भी विभाजन नहीं होता है।
- लगेज,जानवर,पक्षी आदि के बुक करने से हुई आय भी Originating रेलवे का होता है।