विभागीय प्रभार (पैरा 1137-E)
(2001W,2004WO,2006W,2015W,
2017-18)
1.औजार और संयंत्र
2.स्थापना पर्यवेक्षण
विभागीय प्रभार कार्य की कुल लागत (मजदूर और सामग्री) एवं भूमि की लागत का 12 1/2% (साढ़े बारह प्रतिशत) एक बार लगाया जाएगा। इस प्रभार के लिए अनुमान उचित तरीके से लगाये और संबंधित पार्टी से कुल जमा ले।
महाप्रबंधक चाहे तो स्वविवेक से विभागीय प्रभारों की वसूली में पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से छूट दे सकता है बशर्ते कि:
(क)रेलवे को ऐसी छूट से कोई लाभ होता है-यह जरूरी नहीं है कि वित्तीय लाभ हो।
(ख)प्रत्येक मामले में छूट के लिए कारण दर्ज किए गए हो और छूट की अनुमति वित्त सलाहकार एवम मुख्यलेखाधिकारी की सहमति से दी गई हो।
औजार एवं संयंत्र और पर्यवेक्षण पर अतिरिक्त प्रभारों के लिए उपगत न होने मात्र से छूट के लिए पर्याप्त औचित्य नहीं होगा।12 1/2% से अधिक विभागीय प्रभार वहाँ लगाया जा सकता है जहाँ किसी पारस्परिक आधार पर अधिक ऊंची कोई दर सरकारी विभागों को प्रभारित हो।
इमदादी और प्राइवेट साइडिंग के मामले में, यदि पार्टियों द्वारा किसी निर्माण कार्य के किसी भाग को निष्पादित करने की अनुमति दी जाती है तो विभागीय प्रभारों में आंशिक छूट दी जा सकती है।ऐसे मामलों में महाप्रबंधक दस लाख तक छूट दे सकते हैं, इससे ज्यादा के छूट के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जाना चाहिए।
(2001W,2004WO,2006W,2015W,
2017-18)
जब रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा बाहरी पार्टियों के लिए, जिसमें अन्य रेलों,सरकारी विभाग, सार्वजनिक निकाय (जैसे नगरपालिकाएं,पोर्ट ट्रस्ट आदि) और रेलवे के कर्मचारी के लिए कोई निर्माण कार्य करता है तो उससे विभागीय प्रभार लिया जाता है।निम्न के लागत के लिए ये प्रभार लगाया जाता है।
1.औजार और संयंत्र
2.स्थापना पर्यवेक्षण
विभागीय प्रभार कार्य की कुल लागत (मजदूर और सामग्री) एवं भूमि की लागत का 12 1/2% (साढ़े बारह प्रतिशत) एक बार लगाया जाएगा। इस प्रभार के लिए अनुमान उचित तरीके से लगाये और संबंधित पार्टी से कुल जमा ले।
महाप्रबंधक चाहे तो स्वविवेक से विभागीय प्रभारों की वसूली में पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से छूट दे सकता है बशर्ते कि:
(क)रेलवे को ऐसी छूट से कोई लाभ होता है-यह जरूरी नहीं है कि वित्तीय लाभ हो।
(ख)प्रत्येक मामले में छूट के लिए कारण दर्ज किए गए हो और छूट की अनुमति वित्त सलाहकार एवम मुख्यलेखाधिकारी की सहमति से दी गई हो।
औजार एवं संयंत्र और पर्यवेक्षण पर अतिरिक्त प्रभारों के लिए उपगत न होने मात्र से छूट के लिए पर्याप्त औचित्य नहीं होगा।12 1/2% से अधिक विभागीय प्रभार वहाँ लगाया जा सकता है जहाँ किसी पारस्परिक आधार पर अधिक ऊंची कोई दर सरकारी विभागों को प्रभारित हो।
इमदादी और प्राइवेट साइडिंग के मामले में, यदि पार्टियों द्वारा किसी निर्माण कार्य के किसी भाग को निष्पादित करने की अनुमति दी जाती है तो विभागीय प्रभारों में आंशिक छूट दी जा सकती है।ऐसे मामलों में महाप्रबंधक दस लाख तक छूट दे सकते हैं, इससे ज्यादा के छूट के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जाना चाहिए।
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