Tuesday, 7 December 2021

Miscellaneous E-receipt system (MERS)

Miscellaneous E-receipt System (MERS)


परिभाषा- विविध ई-रसीद प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से जोनल रेलवे अपने ग्राहकों से विविध प्राप्तियां डिजिटल माध्यम से प्राप्त कर सकता है।

* क्रिस ने इस पोर्टल को विकसित किया है।

लॉग इन मॉड्यूल

इसमें दो प्रकार के लॉगिन मॉड्यूल है-

(1) रेलवे प्राधिकरण (Railway authority)
(2) रेलवे ग्राहक (Railway customers)

- रेलवे प्राधिकरण- रेलवे प्राधिकरण वो उपयोगकर्ता है जो इस पोर्टल के माध्यम से ई रसीद प्रविष्टि और अनुमोदन के कार्य करेंगे।
- रेलवे प्राधिकारियों के रजिस्ट्रेशन के दो लेवल है (i) सुपरवाइजर लेवल (ii) मंडल/लेखा इकाई में उपयोगकर्ता विभाग के अधिकारी स्तर पर।
-ये उपयोगकर्ता पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड नहीं होता है बल्कि ये क्रिस के MERS टीम को जो क्षेत्रीय रेलवे द्वारा पंजीकरण का जो मांग प्राप्त होता है उस आधार पर किया जाता है।

-रेलवे कस्टमर- इनका पोर्टल के माध्यम से भुगतान करने का अनुमोदन रेलवे के अधिकारी द्वारा किया जाता है।

* भारतीय रेलवे और उसका उपयोगकर्ता विभाग के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के साथ कॉर्डिनेशन के साथ इसका उपयोग किया जाता है।

* पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफ़लाइन पेमेंट किया जा सकता है।ऑनलाइन पेमेंट इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से सीधे किया जा सकता है ऑफलाइन भुगतान के लिए पोर्टल के माध्यम से ही चालान जनरेट कर एसबीआई के शाखा में जमा किया जा सकता है।

* सेंट्रल रेलवे को नोडल रेलवे बनाया गया है।

- एम ई आर एस के जरिए निम्नलिखित के लिए भुगतान प्राप्त किए जा सकते हैं।
1. प्रीपेड मीटर प्रभार
2. भूमि लाइसेंस फीस
3. वे लीव चार्ज
4. विज्ञापन के लिए लाइसेंस फीस
5. सिक्योरिटी डिपॉजिट
6. पार्सल प्राप्तियां
7. टेंडर संबंधित लेनदेन ( टेंडर पेपर कॉस्ट और बयाने की रकम)
8. विदेश सेवा अंशदान प्रभार

* संपूर्ण जोनल रेलवे से एमईआरएस के तहत विभिन्न प्राप्तियां पहली बार में पीएफए के खाते में जमा होता है। बाद में इसे हेड क्वार्टर के बुक्स अनुभाग द्वारा मंडलों को टीसी के माध्यम से क्रेडिट हस्तांतरित कर दिया जाता है।

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