Friday, 15 March 2024

TYPE OF STORE

 TYPE OF STORE


स्टोर का वर्गीकरण

·         सभी मेटेरियलों को आम तौर पर दो श्रेणियों में बाँटा गया है ।

1.  स्टॉक

2.  नन-स्टॉक

·         स्टॉक आइटम- वे वस्तुएँ जिसकी नियमित माँग, नियमित निकासी या खपत और नियमित प्रतिपूर्ति होती है उसे स्टॉक आइटम कहा जाता है ।


·         नन-स्टॉक आइटम- ऐसे वस्तुएँ जिनकी नियमित तौर पर माँग न हो , जिसकी आवश्यकता कभी-कभी हो उसे नन-स्टॉक आइटम कहा जाता है, या एक बार ही माँग हो और उस स्टॉक को मेंटेन करने की आवश्यकता न हो, अर्थात ऐसा स्टॉक जिसकी ख़रीदारी माँग होने पर ही किया जाए।

 

स्टॉक को आगे निम्नलिखित श्रेणियों में बाँटा गया है ।

 

·         ओरडीनरी स्टोर – ऐसा स्टोर जिसका नियमित माँग के कारण नियमित टर्नओवर होता है, उसे ओरडीनरी स्टोर कहा जाता है ।

·         आपातकालीन स्टोर (Emergency store)- स्टोर डिपो में कुछ वस्तुओं को स्टॉक करने की भी आवश्यकता होती है , भले ही इसका नियमित टर्नओवर न हो । इसमें ऐसी वस्तुएँ  शामिल है जो  आमतौर पर खराब नहीं होती है या नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन आपात स्थिति से निपटने के लिए स्टॉक में रखने की आवश्यकता होती है । इसमें ऐसी वस्तुओं रहती है जो बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं हो और इसको खरीदने में समय लग सकता है । इस तरह की वस्तुओं को आपातकालीन स्टोर कहा जाता है ।

·         अधिशेष स्टोर (Surplus Store)- ऐसा भंडार जिसे 24 महीनों तक उपयोग नहीं किया गया उसे सरप्लस स्टोर कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है –

1.  मुवेबल सरप्लस स्टोर- ऐसा स्टोर जिसे 24 महीनों तक प्रयोग नहीं हुआ है और आगे होने की संभावना है उसे मुवेबल सरप्लस स्टोर कहा जाता है ।

2.  डेड सरप्लस स्टोर- ऐसा स्टोर जिसे 24 महीनों तक प्रयोग नहीं हुआ है और आगे होने की संभावना न है उसे डेड सरप्लस स्टोर कहा जाता है ।

·         विशेष स्टोर ( Special Store)- ऐसा स्टोर जिसे किसी कार्य या स्पेशल उद्धेश्य के लिए आवश्यक हो जो की संचालन और सामान्य रखरखाव और मरम्मत के अलावा हो उसे स्पेशल स्टोर कहा जाता जाता है । सामान्य तौर पर ऐसे आइटमों को सीधे उपयोगकर्ता को भेज दिया जाता है उसे स्टोर डिपो में स्टॉक नहीं किया जाता है ।

·         कस्टडी स्टोर – वे भंडार जो विशेष कार्यों के लिए खरीदे गए हैं और उसे उसी कार्य को चार्ज किया जाता है जिसके लिए खरीदा गया है, लेकिन उसे स्टोर विभाग के कस्टडी में रखा जाता है उसे कस्टडी स्टोर कहा जाता है । ये स्टोर मुख्य रूप से पूँजी या राजस्व विभाग कार्यकम्र के तहत स्वीकृत रोलिंग स्टॉक के निर्माण के लिए यांत्रिक विभाग के लिए प्राप्त वस्तुएँ में शामिल होती है।

·         इम्प्रेस्ट स्टोर (अग्रदाय स्टोर)- इसमें वैसी वस्तुएँ हैं जो  दिन-प्रतिदिन के कार्य के संचालन और गतिविधि के रखरखाव के लिए आवश्यक है । अग्रदाय भंडार को या तो स्टोर को चार्ज किया जा सकता है या कैपिटल खाता में रखा जा सकता है । कुछ महत्वपूर्ण यूनिटों जैसे लोको शेड, टीएक्सआर डिपो आदि को दिन प्रतिदिन के उपयोग, रखरखाव और रोलिंग स्टॉक के संचालन आदि के लिए बड़ी संख्या में वस्तुओं की आवश्यकता होती है जैसे तेल , ग्रीस, रोलिंग स्टॉक के पुर्जे आदि । ये स्टोर डिपो के सुपरवाइजर के पास होता है । आमतौर पर इसे दो या तीन महीने की आवश्यकताओं के अनुसार रखा जाता है । अधिकांशत:  इस स्टोर को राजस्व को चार्ज किया जाता है ।

 

* निष्क्रिय भंडार (Inactive Store): ऐसी वस्तुएँ जो पिछले 12 महीनों से जारी नहीं किया गया है, और स्टॉक मौजूद है, वह निष्क्रिय या गैर-चालित वस्तुएँ कहलाती हैं। 

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Wednesday, 14 February 2024

CLASSIFICATION OF REVENUE EXPENDITURE


रेलवे के लिए डिमांड नंबर में बदलाव साल दर  साल

2017-18

80

2018-19

81

2019-20

82

2020-21

83

2021-22

84

2022-23

85

2023-24

85


मेजर हेड 


3001-भारतीय रेलवे- नीति निर्माण,दिशा, अनुसंधान एवं अन्य विविध संगठन (Indian Railways-Policy Formulation, Direction, Research and other Miscellaneous Organization)


3002-भारतीय रेलवे-वाणिज्यिक लाइनें-कार्य व्यय (Indian Railways-Commercial Lines-Working Expenses)


3003-भारतीय रेलवे-सामरिक लाइनें-कार्य व्यय (Indian Railways-Strategic Lines-Working Expenses)


5002-पूंजीगत व्यय (कैपिटल आउट ले) वाणिज्यिक लाइन 


5003-भारतीय रेलवे- सामरिक लाइनों पर पूंजीगत परिव्यय


  1. भारतीय रेल में कुल 16 डिमांड संख्या है ।

  2. डिमांड 01 से 15 राजस्व व्यय होता है और 16 कैपिटल व्यय है 

01 - रेलवे बोर्ड 

02 - विविध व्यय (सामान्य)

03  - सामान्य अधीक्षण एवं सेवाएं

04 - रेलपथ और निर्माण की मरम्मत और अनुरक्षण

05- मोटिव पावर की मरम्मत और अनुरक्षण

06- सवारी डिब्बों और माल डिब्बों की मरम्मत और अनुरक्षण

07- संयंत्र और उपस्कर की मरम्मत और अनुरक्षण

08- ऑपरेटिंग व्यय-रोलिंग स्टॉक और उपकरण

09- ऑपरेटिंग व्यय -यातायात

10. ऑपरेटिंग व्यय -फ्युल 

11-कर्मचारी कल्याण एवं सुविधाएं

12- मांग – विविध संचालन व्यय

13- भविष्य निधि, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ

14- निधियों में विनियोग

15 - सामान्य राजस्व को लाभांश का भुगतान

16 - संपत्ति - अधिग्रहण, निर्माण एवं प्रतिस्थापन

ग्रुप

डिमांड नंबर

नाम

मेजर हेड 

सब मेजर हेड 

एब्स्ट्राक्ट 

भारतीय रेलवे के लिए सामान्य नीति एवं सेवाएँ

01 

रेलवे बोर्ड 

3001

NIL

NIL 

02

विविध व्यय (सामान्य)

NIL

NIL

सामान्य अधीक्षण और सेवाएँ

03 

सामान्य अधीक्षण और सेवाएँ

3002 

01 

A




मरम्मत एवं अनुरक्षण

04

रेलपथ और निर्माण

02 

B

05

मोटिव पवार 


03 

C

06

कैरेज एवं वैगन 


04 

D

07

प्लांट और ईक्विपमेंट 


05 

E



ऑपरेटिंग व्यय 

08 

रोलिंग स्टॉक और उपकरण.


06 

F

09 

ट्रैफ़िक

07 

G

10

फ्युल 


08 

H



कर्मचारी कल्याण, निवृत्ति

लाभ और विविध 

11 

कर्मचारी कल्याण एवं सुविधाएं

09 

J

12

विविध संचालन व्यय


10 

K

13 

पीएफ, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ


11 

L

फ़ंड

14 

डीआरएफ़ एवं पेंशन निधि में विनियोग 


12 

M

लाभांश

15 

सामान्य राजस्व से देय लाभांश 

3005 

NIL


संपत्ति 

16 

संपत्ति - अधिग्रहण, निर्माण और प्रतिस्थापन

5002

NIL


उचंत

12 




N

एनपीएस 

13 

सरकारी योगदान अंशदान पेंशन योजना



O

  • I कोई एब्स्ट्राक्ट नहीं है 

  • डिमांड नंबर 12 के दो एब्स्ट्राक्ट है K और N 

  • डिमांड नंबर 13 के दो एब्स्ट्राक्ट है L और O

बजट मर्ज होने के बाद डिमांड को सब मेजर हेड भी कहा जाता है जैसे की डिमांड संख्या 03 का सब मेजर हेड 01 है इसी तरह हर डिमांड मे से 2 घटा कर सब मेजर हेड बनाना है। डिमांड संख्या 03 से 14 तक सब मेजर हेड होता है