APPORTIONMENT OF EARNINGS.
- आय के विभाजन का अर्थ है आय का वह हिस्सा, उस रेलवे द्वारा जिन्होंने परिवहन के लिए गुड्स, पैसेंजर आदि को बुक किया है के द्वारा दूसरे रेलवे को दिया जाता है। दूसरे रेलवे जो गुड्स, पैसेंजर आदि से हुए आय को न तो ओरिजिनेट किया है और न समाप्त किया है किंतु उनके सिस्टम को उपयोग में लाया गया है।
- आय के विभाजन में पालन किए जाने वाला मूल सिद्धांत है कि यात्री ने कितनी दूरी तय किया या गुड्स यातायात के संबंध में कितनी दूरी तय की गई।उदाहरण के लिए कोई यात्री नई दिल्ली से भुवनेश्वर तक यात्रा किया तो मार्ग में जितने भी क्षेत्रीय रेलवे आया सभी को आय में से हिस्सा दूरी के प्रतिशत के आधार पर दिया जाएगा।
- विविध आय का विभाजन नहीं किया जाता है।
- आय के विभाजन के लिए केंद्रीय कृत विभाजन प्रणाली(Centerlized Apportionment System) की शुरुआत राइट्स द्वारा विकसित की गई है। यह सिस्टम 2005 से गुड्स के लिए एवं 2006 से यात्री आय के लिए प्रभाव में आया।जिसके तहत यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
- आय के विभाजन के लिए क्रिस द्वारा PRS और UTS का डाटा अगले महीने के 10 तारीख को राइट्स को दिया जाता है।
- क्षेत्रीय रेलवे द्वारा पीसीटी और बीपीटी डाटा अगले महीने की 5 तारीख तक राइट्स को प्रस्तुत किया जाता है।
- क्षेत्रीय रेलवे द्वारा 7A स्टेटमेंट के जरिए गुड्स डाटा अगले महीने की 10 तारीख तक राइट्स को प्रस्तुत किया जाता है।
- जो डाटा मैच नहीं होता है उसे अगले महीने के 12 तारीख तक पूरी की जाती है।
- राइट्स अगले महीने की 20 तारीख तक आय के पांच स्रोतों गुड्स, पीआरएस, यूटीएस,बीपीटी और पीसीटी के लिए अलग-अलग विभाजित आय तैयार करता है इसका उपयोग जोनल रेलवे द्वारा ट्रैफिक बुक का पार्ट बी तैयार करने के लिए किया जाता है।
- रेलवे के बीच आय को विभाजित करते समय केवल मूल किराया/मालभाड़ा विभाजित किया जाता है और अन्य सभी शुल्क जैसे सेवा कर, जीएसटी,अधिभार आदि को शामिल नहीं किया जाता है।
वर्तमान में आय का विभाजन क्रिस के द्वारा ही संपादित किया जाता है। गुड्स,पैंसेजर एवं विविध आय का विभाजन कर सभी रेलवे के हिस्से को बताया जाता है जिसे टीसी एवं जेवी के माध्यम से डेबिट , क्रेडिट कर एकाउंटिंग किया जाता है।
- आय का सटीक और समय पर बंटवारा तभी संभव है जब जोनल रेलवे द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जाएं।
- आय के विभिन्न स्रोतों से संबंधित डाटा समय पर प्रस्तुत करना।
- नई ट्रेन शुरू करने या यातायात के लिए नए स्टेशन/सेक्शन खोलने पर मास्टर डाटा में संशोधन।
- सभी अनमैच डेटा का ठीक से मिलान किया जाना
लाभ
- सिस्टम ऑनलाइन आधार पर है इसलिए टीए, डी ए और अन्य भत्तों की बचत होती है।
- 6A,7C जैसी रिपोर्ट समय पर तैयार होने से प्रबंधन को आय में सुधार के लिए कदम उठाने में मदद मिलती है।
- ऑनलाइन के माध्यम से अंतर रेलवे विवाद और मुद्दों का तुरंत निस्तारण हो जाता है।
- आय का वास्तविक बँटवारा से क्षेत्रीय रेलवे के प्रदर्शन को समझने में मदद करता है।
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