1.समापन रिपोर्ट क्या है ? (5)
2.समापन रिपोर्ट की जाँच के प्रमुख बिंदु ? (5)
1. परियोजना के कार्य की समाप्ति पर जिसके लिए पहले से ही प्राक्कलन स्वीकृत है के लिए एक रिपोर्ट तैयार किया जाता है जिसे "समापन रिपोर्ट" कहते हैं । इसे फॉर्म E 1706 में तैयार किया जाता है, जिसमें निर्मित किए गए निर्माण कार्यों की लागत का पिछले स्वीकृत प्राक्कलन में दी गई लागत से मिलान करना है एवं कमी बेशी और बचत के बारे में विस्तृत व्याख्या करना है।
समापन रिपोर्ट में निम्नलिखित के लिए संक्षिप्त स्पष्टीकरण भी दिए जाने चाहिए :-
(i) प्रत्येक उप निर्माण कार्य के अंतर्गत प्राक्कलित प्रावधान के ऊपर कम से कम 10% या 25,000 इनमें से जो भी कम हो का आधिक्य, और
(ii) किसी भी उप निर्माण कार्य के अंतर्गत कम से कम 20% या 1 लाख रुपए इनमें से जो भी कम हो ,की बचत।
नोट:- यदि कमी बेशी स्वीकृत प्राक्कलन के 5 % के भीतर हो तो निर्माण रजिस्टरों में महाप्रबंधक अपनी सक्षमता के अंतर्गत संबंधित उप मुख्य इंजीनियर को निर्माण कार्यों की समापन रिपोर्ट को अनुमोदित करने की अधिकार शक्ति दे सकते हैं।
किसी समापन रिपोर्ट का उद्देश्य वास्तव में निर्मित किए निर्माण कार्यों की लागत का पिछले स्वीकृत प्राक्कलन में दी गई लागत से मिलान करना है ।परियोजना की समापन रिपोर्ट जो लेखा अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित हो उसी छमाही की समाप्ति के पश्चात जिसमें समापन प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया है ,के 18 महीने के भीतर रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत की जानी चाहिए ।इसमें व्यय के विवरण उसी प्रकार दिए जाने चाहिए जैसे की रेलवे बोर्ड द्वारा स्वीकृत संक्षिप्त प्राक्कलन (Abstract Estimate) में हो और यदि उनमें कोई ठोस आशोधन (Material Modification) किया गया हो तो उसका उल्लेख किया जाना चाहिए ।इसके अतिरिक्त इसमें ऐसी अन्य जानकारी भी दी जानी चाहिए जो रेल प्रशासन के विचार से रेलवे बोर्ड के लिए महत्त्व की हो।
नवनिर्मित रेलवे लाइनों के मामले में समापन रिपोर्ट के साथ एक तुलनात्मक विवरण भी भेजा जाना चाहिए जिसमें लाइन की यथा प्रत्याशित और समापन लागत के संदर्भ में अपडेट की हुई वित्तीय संभावनाएं दिखाई जाए। यदि समापन रिपोर्ट तैयार करते समय उस अवधि तक आमदनी में मूल प्रत्याशाओं की अपेक्षा भारी परिवर्तन हो चुके हो तो इसमें तथ्य को भी वित्तीय संभावनाओं की रूपरेखा बनाते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।
2. समापन रिपोर्टों की लेखा कार्यालय में जांच करके यह देखा जाना चाहिए कि :-
(i) वे उपयुक्त फार्म तैयार किया गया है या नहीं।
(ii) उनमें में की गई प्रविष्ठियां, स्वीकृत और बुक किए गए परिव्यय वर्क्स रजिस्टर के अनुरूप है या नहीं।
(iii) ऐसे सभी सामग्रियां जो निर्माण- कार्य या कार्यों को प्रभारित थी परंतु उपयोग में नहीं लाई गई भंडारों को वापस कर दी गई हो या अन्यत्र हस्तांतरित कर दी गई हो और कार्य के लेखे में उनके मूल्य को क्रेडिट खाते में लिख दिया गया है।
(iv) प्राक्कलन में उपबंधित निरमुक्त सामग्रियों (credit for the released materials) के लिए जमा की रकम संबंधित निर्माण कार्य के सामने समायोजित कर दी गई हो।
(v) निर्माण कार्य के लेखे में निर्माण कार्य से संबंधित सभी अंतिम बिलों की पोस्टिंग की शुद्धता की जांच की जाए।
(vi) अन्य मदों की अंकगणितीय शुद्धता की जांच।
(vii) यह देखा जाए कि लेखे में आधिक्य (excess) और बचतों (savings) के लिए स्पष्टीकरण संतोषजनक रूप में दिया गया हो।
सभी समापन रिपोर्टों को लेखा अधिकारी द्वारा शुद्ध रूप में सत्यापित किया जाना चाहिए। लेखा अधिकारी के सत्यापन प्रमाण पत्र रिपोर्ट में प्रदर्शित परिव्यय को स्वीकृति देने वाले प्राधिकारी का उल्लेख किया जाना चाहिए।
2017-18 WO(10)
2.समापन रिपोर्ट की जाँच के प्रमुख बिंदु ? (5)
1. परियोजना के कार्य की समाप्ति पर जिसके लिए पहले से ही प्राक्कलन स्वीकृत है के लिए एक रिपोर्ट तैयार किया जाता है जिसे "समापन रिपोर्ट" कहते हैं । इसे फॉर्म E 1706 में तैयार किया जाता है, जिसमें निर्मित किए गए निर्माण कार्यों की लागत का पिछले स्वीकृत प्राक्कलन में दी गई लागत से मिलान करना है एवं कमी बेशी और बचत के बारे में विस्तृत व्याख्या करना है।
समापन रिपोर्ट में निम्नलिखित के लिए संक्षिप्त स्पष्टीकरण भी दिए जाने चाहिए :-
(i) प्रत्येक उप निर्माण कार्य के अंतर्गत प्राक्कलित प्रावधान के ऊपर कम से कम 10% या 25,000 इनमें से जो भी कम हो का आधिक्य, और
(ii) किसी भी उप निर्माण कार्य के अंतर्गत कम से कम 20% या 1 लाख रुपए इनमें से जो भी कम हो ,की बचत।
नोट:- यदि कमी बेशी स्वीकृत प्राक्कलन के 5 % के भीतर हो तो निर्माण रजिस्टरों में महाप्रबंधक अपनी सक्षमता के अंतर्गत संबंधित उप मुख्य इंजीनियर को निर्माण कार्यों की समापन रिपोर्ट को अनुमोदित करने की अधिकार शक्ति दे सकते हैं।
किसी समापन रिपोर्ट का उद्देश्य वास्तव में निर्मित किए निर्माण कार्यों की लागत का पिछले स्वीकृत प्राक्कलन में दी गई लागत से मिलान करना है ।परियोजना की समापन रिपोर्ट जो लेखा अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित हो उसी छमाही की समाप्ति के पश्चात जिसमें समापन प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया है ,के 18 महीने के भीतर रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत की जानी चाहिए ।इसमें व्यय के विवरण उसी प्रकार दिए जाने चाहिए जैसे की रेलवे बोर्ड द्वारा स्वीकृत संक्षिप्त प्राक्कलन (Abstract Estimate) में हो और यदि उनमें कोई ठोस आशोधन (Material Modification) किया गया हो तो उसका उल्लेख किया जाना चाहिए ।इसके अतिरिक्त इसमें ऐसी अन्य जानकारी भी दी जानी चाहिए जो रेल प्रशासन के विचार से रेलवे बोर्ड के लिए महत्त्व की हो।
नवनिर्मित रेलवे लाइनों के मामले में समापन रिपोर्ट के साथ एक तुलनात्मक विवरण भी भेजा जाना चाहिए जिसमें लाइन की यथा प्रत्याशित और समापन लागत के संदर्भ में अपडेट की हुई वित्तीय संभावनाएं दिखाई जाए। यदि समापन रिपोर्ट तैयार करते समय उस अवधि तक आमदनी में मूल प्रत्याशाओं की अपेक्षा भारी परिवर्तन हो चुके हो तो इसमें तथ्य को भी वित्तीय संभावनाओं की रूपरेखा बनाते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।
2. समापन रिपोर्टों की लेखा कार्यालय में जांच करके यह देखा जाना चाहिए कि :-
(i) वे उपयुक्त फार्म तैयार किया गया है या नहीं।
(ii) उनमें में की गई प्रविष्ठियां, स्वीकृत और बुक किए गए परिव्यय वर्क्स रजिस्टर के अनुरूप है या नहीं।
(iii) ऐसे सभी सामग्रियां जो निर्माण- कार्य या कार्यों को प्रभारित थी परंतु उपयोग में नहीं लाई गई भंडारों को वापस कर दी गई हो या अन्यत्र हस्तांतरित कर दी गई हो और कार्य के लेखे में उनके मूल्य को क्रेडिट खाते में लिख दिया गया है।
(iv) प्राक्कलन में उपबंधित निरमुक्त सामग्रियों (credit for the released materials) के लिए जमा की रकम संबंधित निर्माण कार्य के सामने समायोजित कर दी गई हो।
(v) निर्माण कार्य के लेखे में निर्माण कार्य से संबंधित सभी अंतिम बिलों की पोस्टिंग की शुद्धता की जांच की जाए।
(vi) अन्य मदों की अंकगणितीय शुद्धता की जांच।
(vii) यह देखा जाए कि लेखे में आधिक्य (excess) और बचतों (savings) के लिए स्पष्टीकरण संतोषजनक रूप में दिया गया हो।
सभी समापन रिपोर्टों को लेखा अधिकारी द्वारा शुद्ध रूप में सत्यापित किया जाना चाहिए। लेखा अधिकारी के सत्यापन प्रमाण पत्र रिपोर्ट में प्रदर्शित परिव्यय को स्वीकृति देने वाले प्राधिकारी का उल्लेख किया जाना चाहिए।
2017-18 WO(10)
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