Sunday, 26 April 2020

Line Capacity Work



लाइन क्षमता कार्य 
(2010W) एक्सपेंडिचर 


  • लाइन क्षमता का अर्थ है कि एक सेक्शन में 24 घंटे में चलाई जाने वाली ट्रेनों की संख्या।
  • लाइन क्षमता कार्य का अर्थ है ऐसे निर्माण कार्य जिनसे किसी लाइन अथवा सेक्शन की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया हो।
  • जब कोई सेक्शन लाइन क्षमता के उपयोग का 80 % तक पहुंच जाती है तो उसे परिपूर्णता तक पहुंचने के रूप में माना जाता है।

लाइन क्षमता बढ़ाने का तरीका

  1. मौजूदा मार्शलिंग यार्ड, गुड्स टर्मिनल और यातायात यार्ड को वर्क स्टडी करके नए मार्शलिंग यार्ड या मेजर यार्ड को रीमॉडलिंग के लिए प्रस्ताव देना चाहिए।
  2. दोहरीकरण, कई ट्रैकिंग योजनाओं और गेज परिवर्तन योजनाओं के लिए मास्टर चार्ट तैयार करके मौजूदा क्षमता का ठीक से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
  3. यात्री टर्मिनलों के मामले में प्लेटफॉर्म लाइनों ,वाशिंग और स्टेबलिंग लाइनों आदि के ऑक्यूपेशन चार्ट तैयार किया जाना चाहिए।
  4. गुड्स गार्ड और मार्शलिंग यार्ड के मामले में ट्रेन के औसत रुकावट की क्षमता का अध्ययन करना चाहिए।
  5. मौजूदा सुविधाओं के साथ सर्वोत्तम क्षमता पर पहले काम करना चाहिए ।इसके बाद ,यातायात के अनुमानों के आधार पर ,क्षमता की उपलब्धता और संभावित आवश्यकता में अंतर की पहचान की जानी चाहिए और चरणबद्ध तरीके से अपेक्षित क्षमता बनाने के लिए वैकल्पिक समाधानों पर विचार किया जाना चाहिए।

निम्नलिखित विकल्पों पर विचार किया जाएगा

  1. स्पीड (गति ) में सुधार
  2. लंबी ट्रेनों के होने से
  3. ट्रेक्शन के परिवर्तन से (डीजल से ट्रेक्शन)
  4. अतिरिक्त क्रॉसिंग स्टेशनों का प्रावधान
  5. ब्लॉक कार्य को कम करके आदि

  • उपरोक्त संभावनाओं का पता लगाने के बाद, अभी भी क्षमता की  उपलब्धता में अंतर है और संभावित आवश्यकता को समाप्त नहीं किया जा सकता है तो उपर्युक्त चरणों में लाइन दोहरीकरण के विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।
  • लाइन क्षमता कार्य  रेलवे प्रशासन को आवश्यकतानुसार परिचालन में सुधार करने में सक्षम करेगा।
  • चूँकि चरणबद्ध तरीके से परिवहन सुविधाओं का निर्माण किया जाना है, अतः लाइन कैपेसिटी कार्यों को वार्षिक प्रोग्राम करके वर्क्स प्रोग्राम में शामिल किया जाता है।

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