Tuesday, 28 April 2020

Exchequer Control



राजकोष नियंत्रण (Exchequer Control) पैरा 540F


राजकोष नियंत्रण एक ऐसी व्यवस्था है ,जिसके द्वारा बजट आवंटन के नगदी अंश में से प्रत्येक संवितरण अधिकारी (disbursing officer )द्वारा किए जाने वाले 'नगदी-निर्गमन' (cash outgo) का समुचित विनियमन (Regulation) किया जाता है।

रेलवे द्वारा किए जाने वाले व्यय को दो श्रेणियों में बांटा गया है।

1. नगद (cash)-70% लगभग
2.समायोजन (Adjustment)- 30% लगभग

पहली श्रेणी में वे सभी लेनदेन आते हैं जो नगद भुगतान या चेक जारी करके पूरे किए जाते हैं । मोटे तौर पर इस श्रेणी में कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों को किया जानेवाला भुगतान और सप्लाई और सेवाओं के उपलक्ष्य में निपटाए जाने वाले बिल/दावा भी शामिल है।

द्वितीय श्रेणी में समायोजन (adjustment) आता है जिसमें लेखा यूनिटों के आंतरिक लेनदेन होता है जिसमें नगदी का निर्गमन नहीं होता है।

* राजकोष नियंत्रण नगदी निर्गमन पर नियंत्रण रखता है ।

उद्देश्य :- राजकोष नियंत्रण का उद्देश्य है एक ऐसी पद्धति की स्थापना करना जिससे नगदी-निर्गमन (cash outgo) का सही अनुमान हो सके और भुगतान की प्रगति पर यथोचित नियंत्रण रखा जा सके। इस प्रकार यह बजट नियंत्रण का महत्वपूर्ण साधन भी है।

- प्रत्येक लेखा यूनिट अपने नगद आवश्यकता को प्रत्येक महीने के 15th/18th तारीख को मुख्यालय के बुक्स अनुभाग यानि FA&CAO/BOOKS को भेजते हैं।

ये नगद आवश्यकता निम्नलिखित प्रारूप में रहता है।

खंड (segments). 
 रुपये (amounts)
1.राजस्व मांग   
   (a) स्टाफ भुगतान
   (b)अन्य भुगतान


2.कार्य मांग

  (a)पूंजी (capital)
  (b)रेलवे निधि


3.अन्य बजट मदें (Non-Budget Items)



  • सभी लेखा यूनिटों की आवश्यकता को बुक्स अनुभाग में संकलित किया जाता है एवं पूरे मांग के अनुसार महीने के 20वें तारीख तक रेलवे बोर्ड को भेज दिया जाता है।
  •  रेलवे बोर्ड कैश ऑथराइजेशन को प्रथम या दूसरी कार्य दिवस में क्षेत्रीय रेलों को सूचित कर देता है और उसी आधार पर क्षेत्रीय रेल अपनी लेखा यूनिटों को सूचित कर देता है।
  • वर्तमान महीने के आवश्यकता को समीक्षा किया जाएगा एवं अगर अतिरिक्त मांग की आवश्यकता होगी तो रेलवे बोर्ड को 20 तारीख तक सूचित करना होगा साथ में अगले महीने के नगद आवश्यकता भी होगी।
  • बांटे गए नगदी में से अगर रकम किसी यूनिट द्वारा खर्च नहीं हो सका तो उस राशि को मुख्यालय में सरेंडर कर दिया जाता है ताकि किसी दूसरे यूनिट को जिसे आवश्यकता है दिया जा सके। उसी तरह अगर मुख्यालय बुक अनुभाग के पास सरेंडर राशि है तो वह अंतिम कार्य दिवस में रेलवे बोर्ड को भेज देते हैं।

Net Withdrawal (शुद्ध निकासी)

मौजूदा नियमों के तहत, केंद्रीय सरकार के सभी नगद प्राप्तिओं को तुरंत ही आरबीआई (CAS/नागपुर) में जमा किया जाना चाहिए और सभी भुगतान आरबीआई से निकासी के माध्यम से ही किए जाने चाहिए किसी निश्चित अवधि के दौरान जमा और निकासी के बीच का अंतर शुद्ध निकासी (Net Withdrawal) के रूप में जाना जाता है।

 जमा पर निकासी की अधिकता से उत्पन्न नकारात्मक अंतर सरकार के घाटे को बढ़ाता है।


(2000W,2001WO,2015W)





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