Schedule of Power
परिभाषा-
रेल प्रशासन सुचारू रूप से चले इसके लिए रेलवे बोर्ड महाप्रबंधक को शक्ति प्रदान करते हैं,इसे ही "शिड्यूल ऑफ पावर" कहते हैं।
इन शक्तियों को महाप्रबंधक प्रमुख वित्त सलाहकार के परामर्श से अपने अधीनस्थ अधिकारियों में वितरित कर देते हैं।
उद्देश्य-
शिड्यूल ऑफ पावर का प्रमुख उद्देश्य है कि किसी भी कार्य पर अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा त्वरित निर्णय लेना एवं शक्तियों का विकेंद्रीकरण।
शिड्यूल ऑफ पावर का प्रयोग प्राधिकार द्वारा निर्धारित अधिकार एवं निर्धारित सीमा तक ही किया जाता है। यह अधिकार मौजूदा कोडल प्रक्रियाओं,नियमों एवं रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी किए गए पत्रों पर आधारित होता है। साथ ही यह शक्तियां फण्ड की उपलब्धता पर भी निर्भर है।बिना महाप्रबंधक के अनुमोदन से कोई शक्तियों का पुनः प्रत्यायोजन नहीं किया जा सकता है।
महाप्रबंधक शक्तियों का वितरण तीन शीर्षकों के तहत वर्गीकृत करते हैं।
I-PHODs/HODs
II-Field units DRM/ADRM/SAG
III-Divisional/Extra Divisional Officers and Officers in Headquarter.
शिड्यूल ऑफ पावर को कई भागों में बंटा गया है-
(i) कार्यों से संबंधित मामलों
(ii) वाणिज्यिक मामलों
(iii)स्टोर के मामले
(iv)स्थापन मामले
(v) मेडिकल मामले
(vi) विविध मामले
कुछ शक्तियां ऐसी है कि महाप्रबंधक अपने अधीनस्थ अधिकारियों को वितरित नहीं करते हैं, उसे महाप्रबंधक के नकारात्मक शक्ति के रूप में जाना जाता है।जिसके लिए उच्च अधिकारी या रेलवे बोर्ड से परामर्श लिया जाता है।
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