Thursday, 30 April 2020

Approved List of Contractors

Approved list of Contractors (ठेकेदारों के अनुमोदित सूची) पैरा 1215E,1216E


रेलवे मंडल स्तर पर एवं मुख्यालय स्तर पर निर्धारित राशि के लिए कार्य संपन्न करवाने के लिए ठेकेदारों की एक अनुमोदित सूची रखती है।

साधारणतः किसी निर्माण कार्य या सप्लाई का निष्पादन ऐसे किसी ठेकेदार को नहीं दिया जाना चाहिए जिसकी योग्यता और वित्तीय हैसियत के बारे में पहले से जांच ना कर लिया गया हो और उन्हें संतोषजनक न पाया गया हो। इस प्रयोजन के लिए रेलवे के मुख्यालय और मंडल कार्यालयों में अनुमोदित ठेकेदारों की सूची रखी जानी चाहिए अन्य ठेकेदारों जिन्होंने संतोषजनक काम किया हो ,को वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी अथवा मंडल अधिकारी के नाम से सूची में शामिल किया जा सकता है।

 रेलवे के मुख्यालय तथा मंडल कार्यालयों में अनुमोदित ठेकेदारों की सूची बनाई जाए तथा उसका रखरखाव किया जाए जहां इच्छुक ठेकेदार नीचे उल्लिखित प्रक्रिया का पालन करते हुए रेलवे कार्य शुरू करेंगे।

  • वर्ष में एक बार विज्ञापन आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार करके इच्छुक ठेकेदारों को विभिन्न श्रेणियों के लिए अपने नाम पंजीकृत कराने के लिए आमंत्रित किया जाए ।अनुमोदित सूची में पहले से शामिल ठेकेदार तथा जिन ठेकेदारों ने रेलों पर संतोषजनक कार्य निष्पादित किया है तथा इसके द्वारा वे भविष्य में कार्य के आवंटन के लिए योग्य हो गए हैं को भी अपने नाम पंजीकृत कराने के लिए आमंत्रित किया जाए।
  • पंजीकरण के लिए मूल आवश्यकता निर्धारित की जाए और पंजीकरण के लिए चयन में स्वविवेक और मध्यस्थता को कम करने के लिए इसे लोकप्रिय बनाया जाए।
  • जहां अपेक्षित हो ,स्वतंत्र तथा सक्षम एजेंसी के रूप में संतोषजनक ढंग से कार्य निष्पादित करने के लिए इच्छुक ठेकेदारों की क्षमता, रेलवे की कार्यों के संतोषजनक निष्पादन के लिए उनकी वित्तीय सक्षमता, विशेषज्ञता का क्षेत्र ,पिछला अनुभव व्यक्तिगत रूप से अथवा सक्षम तथा अर्हक/प्राधिकृत इंजीनियरों /पर्यवेक्षकों के माध्यम से कार्य का पर्यवेक्षण करने की समर्थता की जांच की जाए तथा उन्हें सूची में रखने से पूर्व जांच पड़ताल की जाए।
  • ऐसे पंजीकृत निविदाओं के लिए लेखन शुल्क तथा उन्हें नोटिस भेजने की लागत के रूप में ₹2000 की वार्षिक फीस प्रभावित की जाए।
  • अनुमोदित सूची में रखने के लिए ठेकेदारों का चयन वैल्यू स्लैबों वाली समिति द्वारा किया जाए तथा स्वीकारकर्ता प्राधिकारी द्वारा स्वीकार की जाए ।स्वीकृति के लिए  समिति तथा प्राधिकारी की संरचना रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए गए अनुसार होगी।
  • अनुमोदित ठेकेदारों की सूची की गोपनीय सरकारी रिकॉर्ड मानी जाए तथा सूची में रखे गए ठेकेदारों के नाम की जानकारी अन्य ठेकेदारों को नहीं होनी चाहिए इसे साफ तथा सुस्पष्ट तरीके से अपडेड रखा जाय।
  • 7.5 करोड़ तक के कार्यों के लिए ठेकेदारों को पंजीकृत किया जाएगा ठीक उसी तरह सीमित निविदा में 7.5 करोड़ तक के कार्यों को सम्मिलित किया जाता है।
  • अनुमोदित सूची में ठेकेदार 3 साल तक के लिए वैध रहेगा।
  • इस लिस्ट में से नाम हटाने और जोड़ने के लिए  प्रत्येक वर्ष समीक्षा की जाएगी जो जुलाई से प्रभावित होगा।अगर कोई छः महीने के अंदर नाम हटाया गया हो या जोड़ा गया हो तो वो 1st जनवरी और 1st जुलाई से प्रभावित होगी।
  • ओपन लाइन एवं निर्माण संगठन (construction organization) दोनों जगह अलग-अलग अनुमोदित सूची होगा।
  • ओपन लाइन में वर्ग 'बी', 'सी' की कैटेगरी के अनुमोदित ठेकेदारों की सूची का मेंटेन मंडल स्तर पर होगा एवं 'ए' श्रेणी के लिए एक कॉमन लिस्ट होगा जो जोन में होगा । ठीक उसी तरह निर्माण क्षेत्रों के लिए 'बी' 'सी' श्रेणी के ठेकेदारों के अनुमोदित सूची का मेंटेन Dy.CE(C) कार्यालय में होगा एवं 'ए' श्रेणी के ठेकेदारों की सूची का मेंटेन का मुख्यालय में यानी CAO/C,GM/C कार्यालय में होगा।
  • अनुमोदित सूची में पंजीकरण के लिए ठेकेदारों से राशि ली जाएगी जो नॉन रिफंडेबल होगी। यह राशि इस प्रकार होगी 'सी' कैटेगरी के लिए ₹15,000 हजार,'बी' कैटेगरी के लिए ₹20,000 हजार एवं 'ए' कैटेगरी के लिए ₹ 30,000 हजार।



कैटेगरी/स्लैब
चयन समिति
स्वीकृत प्राधिकारी
स्वीकृत राशि
वर्ग 'सी
दो JAG अधिकारी एक कार्यकारी  विभाग से एवम एक लेखा विभाग से
मंडल में DRM एवम मंडल से बाहर SAG अधिकारी  
          

(up to ₹ 37.5 lakh)
वर्ग 'बी
उपरोक्त
उपरोक्त
 (more than ₹37.5 lakh and up to ₹1.5 crore)
वर्ग ''
दो SAG अधिकारी एक कार्यकारी विभागसे एवम एक वित्त विभाग से
PHOD  
(more than ₹1.5 crore and upto ₹7.5 crore)




(2000W,2006W,2015W)




Tuesday, 28 April 2020

Exchequer Control



राजकोष नियंत्रण (Exchequer Control) पैरा 540F


राजकोष नियंत्रण एक ऐसी व्यवस्था है ,जिसके द्वारा बजट आवंटन के नगदी अंश में से प्रत्येक संवितरण अधिकारी (disbursing officer )द्वारा किए जाने वाले 'नगदी-निर्गमन' (cash outgo) का समुचित विनियमन (Regulation) किया जाता है।

रेलवे द्वारा किए जाने वाले व्यय को दो श्रेणियों में बांटा गया है।

1. नगद (cash)-70% लगभग
2.समायोजन (Adjustment)- 30% लगभग

पहली श्रेणी में वे सभी लेनदेन आते हैं जो नगद भुगतान या चेक जारी करके पूरे किए जाते हैं । मोटे तौर पर इस श्रेणी में कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों को किया जानेवाला भुगतान और सप्लाई और सेवाओं के उपलक्ष्य में निपटाए जाने वाले बिल/दावा भी शामिल है।

द्वितीय श्रेणी में समायोजन (adjustment) आता है जिसमें लेखा यूनिटों के आंतरिक लेनदेन होता है जिसमें नगदी का निर्गमन नहीं होता है।

* राजकोष नियंत्रण नगदी निर्गमन पर नियंत्रण रखता है ।

उद्देश्य :- राजकोष नियंत्रण का उद्देश्य है एक ऐसी पद्धति की स्थापना करना जिससे नगदी-निर्गमन (cash outgo) का सही अनुमान हो सके और भुगतान की प्रगति पर यथोचित नियंत्रण रखा जा सके। इस प्रकार यह बजट नियंत्रण का महत्वपूर्ण साधन भी है।

- प्रत्येक लेखा यूनिट अपने नगद आवश्यकता को प्रत्येक महीने के 15th/18th तारीख को मुख्यालय के बुक्स अनुभाग यानि FA&CAO/BOOKS को भेजते हैं।

ये नगद आवश्यकता निम्नलिखित प्रारूप में रहता है।

खंड (segments). 
 रुपये (amounts)
1.राजस्व मांग   
   (a) स्टाफ भुगतान
   (b)अन्य भुगतान


2.कार्य मांग

  (a)पूंजी (capital)
  (b)रेलवे निधि


3.अन्य बजट मदें (Non-Budget Items)



  • सभी लेखा यूनिटों की आवश्यकता को बुक्स अनुभाग में संकलित किया जाता है एवं पूरे मांग के अनुसार महीने के 20वें तारीख तक रेलवे बोर्ड को भेज दिया जाता है।
  •  रेलवे बोर्ड कैश ऑथराइजेशन को प्रथम या दूसरी कार्य दिवस में क्षेत्रीय रेलों को सूचित कर देता है और उसी आधार पर क्षेत्रीय रेल अपनी लेखा यूनिटों को सूचित कर देता है।
  • वर्तमान महीने के आवश्यकता को समीक्षा किया जाएगा एवं अगर अतिरिक्त मांग की आवश्यकता होगी तो रेलवे बोर्ड को 20 तारीख तक सूचित करना होगा साथ में अगले महीने के नगद आवश्यकता भी होगी।
  • बांटे गए नगदी में से अगर रकम किसी यूनिट द्वारा खर्च नहीं हो सका तो उस राशि को मुख्यालय में सरेंडर कर दिया जाता है ताकि किसी दूसरे यूनिट को जिसे आवश्यकता है दिया जा सके। उसी तरह अगर मुख्यालय बुक अनुभाग के पास सरेंडर राशि है तो वह अंतिम कार्य दिवस में रेलवे बोर्ड को भेज देते हैं।

Net Withdrawal (शुद्ध निकासी)

मौजूदा नियमों के तहत, केंद्रीय सरकार के सभी नगद प्राप्तिओं को तुरंत ही आरबीआई (CAS/नागपुर) में जमा किया जाना चाहिए और सभी भुगतान आरबीआई से निकासी के माध्यम से ही किए जाने चाहिए किसी निश्चित अवधि के दौरान जमा और निकासी के बीच का अंतर शुद्ध निकासी (Net Withdrawal) के रूप में जाना जाता है।

 जमा पर निकासी की अधिकता से उत्पन्न नकारात्मक अंतर सरकार के घाटे को बढ़ाता है।


(2000W,2001WO,2015W)





Sunday, 26 April 2020

Line Capacity Work



लाइन क्षमता कार्य 
(2010W) एक्सपेंडिचर 


  • लाइन क्षमता का अर्थ है कि एक सेक्शन में 24 घंटे में चलाई जाने वाली ट्रेनों की संख्या।
  • लाइन क्षमता कार्य का अर्थ है ऐसे निर्माण कार्य जिनसे किसी लाइन अथवा सेक्शन की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया हो।
  • जब कोई सेक्शन लाइन क्षमता के उपयोग का 80 % तक पहुंच जाती है तो उसे परिपूर्णता तक पहुंचने के रूप में माना जाता है।

लाइन क्षमता बढ़ाने का तरीका

  1. मौजूदा मार्शलिंग यार्ड, गुड्स टर्मिनल और यातायात यार्ड को वर्क स्टडी करके नए मार्शलिंग यार्ड या मेजर यार्ड को रीमॉडलिंग के लिए प्रस्ताव देना चाहिए।
  2. दोहरीकरण, कई ट्रैकिंग योजनाओं और गेज परिवर्तन योजनाओं के लिए मास्टर चार्ट तैयार करके मौजूदा क्षमता का ठीक से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
  3. यात्री टर्मिनलों के मामले में प्लेटफॉर्म लाइनों ,वाशिंग और स्टेबलिंग लाइनों आदि के ऑक्यूपेशन चार्ट तैयार किया जाना चाहिए।
  4. गुड्स गार्ड और मार्शलिंग यार्ड के मामले में ट्रेन के औसत रुकावट की क्षमता का अध्ययन करना चाहिए।
  5. मौजूदा सुविधाओं के साथ सर्वोत्तम क्षमता पर पहले काम करना चाहिए ।इसके बाद ,यातायात के अनुमानों के आधार पर ,क्षमता की उपलब्धता और संभावित आवश्यकता में अंतर की पहचान की जानी चाहिए और चरणबद्ध तरीके से अपेक्षित क्षमता बनाने के लिए वैकल्पिक समाधानों पर विचार किया जाना चाहिए।

निम्नलिखित विकल्पों पर विचार किया जाएगा

  1. स्पीड (गति ) में सुधार
  2. लंबी ट्रेनों के होने से
  3. ट्रेक्शन के परिवर्तन से (डीजल से ट्रेक्शन)
  4. अतिरिक्त क्रॉसिंग स्टेशनों का प्रावधान
  5. ब्लॉक कार्य को कम करके आदि

  • उपरोक्त संभावनाओं का पता लगाने के बाद, अभी भी क्षमता की  उपलब्धता में अंतर है और संभावित आवश्यकता को समाप्त नहीं किया जा सकता है तो उपर्युक्त चरणों में लाइन दोहरीकरण के विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।
  • लाइन क्षमता कार्य  रेलवे प्रशासन को आवश्यकतानुसार परिचालन में सुधार करने में सक्षम करेगा।
  • चूँकि चरणबद्ध तरीके से परिवहन सुविधाओं का निर्माण किया जाना है, अतः लाइन कैपेसिटी कार्यों को वार्षिक प्रोग्राम करके वर्क्स प्रोग्राम में शामिल किया जाता है।