Cheques and Bills
चेक और बिल्स
लेखा संहिता प्रथम पैरा 437 (B)
चेक और बिल्स एक सस्पेन्स हेड है। इस हेड का प्रचालन रेलों द्वारा जारी किए गए चेकों के बैंकों द्वारा भुगतान करने के बाद रेलों के खाते से डेबिट की जाने वाली रकमों के सही होने की जांच के उद्देश्य से किया जाता है।
रेलवे के लेखा अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन जितने भी चेक जारी किए जाते हैं, उनकी रकम को जो चेक मांग पत्र (Cheques Requisition) में दर्ज होती है से "चेक और बिल्स" को क्रेडिट कर दिया जाता है और उपयुक्त लेखा (final Head allocation) को डेबिट कर दी जाती है।
बैंकों द्वारा अपने दैनिक स्क्रॉल में भुगतान किए गए चेकों को दर्ज कर फोकल बिंदु बैंक ब्रांच को भेजा जाता है, जो उसके आधार पर मुख्य स्क्रोल बना कर और पेड चेकों को संलग्न कर वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी को भेजता है। जहां सभी पेड चेकों को जांच कर 'चेक और बिल्स" को डेबिट एवं "डिपॉजिट विद रिजर्व बैंक" को क्रेडिट कर दिया जाता है।
अतः इस शीर्ष में उसी चेक की राशि क्रेडिट बकाया रहना चाहिए जिसका भुगतान नहीं हुआ है। चूंकि जारी किए गए चेक 3 माह की अवधि के भीतर ही बनाए जा सकते हैं अतः इस शीर्ष में 4 माह के बाद कोई शेष नहीं रहना चाहिए। यदि कोई शेष रह जाए तो बैंकों से पूछताछ कर यह सुनिश्चित करने के बाद कि संबंधित चेकों का भुगतान वास्तव में नहीं हुआ है तो 6 माह से अधिक पुराने चेकों की राशि को अर्ध वार्षिक समीक्षा की जाती है।
इसकी जनरल प्रविष्टियां इस प्रकार की जाती है-
1.दिनभर में जारी किए गए चेकों की कुल राशि-
उपयुक्त राजस्व,सर्विस हेड etc..................Dr.
To चेक एंड बिल्स...................................Cr.
2.भुगतान के बाद और स्क्रॉल प्राप्त होने पर
चेक एंड बिल्स....................Dr.
To पब्लिक सेक्टर बैंक........Cr.
3.महीने के अंत में जब भुगतान किए गए चेकों के आंकड़ों उपलब्ध हो और मिला लिए जाए-
पब्लिक सेक्टर बैंक .....................Dr.
To डिपॉजिट विद रिज़र्व बैंक ........Cr.
(2000W,2004W,2006WO,2012W,2015W,2017-18 Books & Budget)
NICE POST SIR. HEARTILY THANKS
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