Differences between Government and Commercial Accounts.
सरकारी
लेखा
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वाणिज्यिक लेखा
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01.सरकारी
खातों का रखरखाव कैश के आधार पर किया जाता है ।
इसमें वित्तीय वर्ष के दौरान जो भी वास्तविक नकद प्राप्तियाँ और वास्तविक नकद भुगतान
हुआ है उसका लेखा-जोखा रहता है।
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01. वाणिज्यिक
खातों का आधार Accrual (उपचित) है। इसका अर्थ यह हुआ कि अर्जित आय चाहे वह वास्तव में प्राप्त हुआ
या नहीं,एवम् देयताये जो देय है या नहीं ।
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02.सरकारी
खातों को तकनीकी रुप से “वित्तीय खातों” के रुप
में जाना जाता है और रखरखाव सरकारी खाते के आवश्यकतानुसार किया जाता है। सरकारी खाते
विभिन्न प्रमुख शीर्षों में वर्गीकृत कर प्रत्येक वर्ष संकलित
किया जाता है तथा समेकित निधि का प्रतिनिधित्व करता है।
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02. वाणिज्यिक
खातों को तकनीकी रुप से “कैपिटल एवम् राजस्व” खाता के रुप जाना जाता है । ये खाते
रेलवे के वित्तीय उपक्रमों को वाणिज्यिक दॄष्टि से समी़क्षा करने में सुविधा
प्रदान करता है। ये खाते भी रेलवे में हर वर्ष संकलित किया जाता है एवम् रेलवे के
वार्षिक रिपोर्ट में शामिल किया जाता है।
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03. सरकारी
खाते “एकल प्रविष्टि
प्रणाली” पर आधारित
है।
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03. वाणिज्यिक
खाते “दोहरे प्रविष्टि प्रणाली”
पर आधारित है।
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04. सरकारी
लेखा में केवल आय और व्यय का खाता रखा जाता है।
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04. वाणिज्यिक
लेखा में व्यापार विनिर्माण, लाभ-हानि एवम् तलपट तैयार किया जाता है ।
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05. सरकारी
खाते का डिजाइन इस प्रकार किया गया है कि कम से कम रकम टैक्सपेयर आम नागरिक से लिया
जाए ताकि जनता के कल्याण एवम् सुविधाऐं के लिए जो प्रोग्राम (योजना) चल रही है वो
जारी रहे ।
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05. वाणिज्यिक
खाते का प्रारूप इस प्रकार से है कि ज्यादा से ज्यादा रकम प्रतिष्ठान के स्वामी के
पास आये जिससे प्रतिष्ठान लाभ में रहे।
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