Wednesday, 16 February 2022

APPORTIONMENT OF EARNINGS

APPORTIONMENT OF EARNINGS.

  1. आय के विभाजन का अर्थ है आय का वह हिस्सा, उस रेलवे द्वारा जिन्होंने परिवहन के लिए गुड्स, पैसेंजर आदि को बुक किया है के द्वारा दूसरे रेलवे को दिया जाता है। दूसरे रेलवे जो गुड्स, पैसेंजर आदि से हुए आय को न तो ओरिजिनेट किया है और न समाप्त किया है किंतु उनके सिस्टम को उपयोग में लाया गया है।
  2. आय के विभाजन में पालन किए जाने वाला मूल सिद्धांत है कि यात्री ने कितनी दूरी तय किया या गुड्स यातायात के संबंध में कितनी दूरी तय की गई।उदाहरण के लिए कोई यात्री नई दिल्ली से भुवनेश्वर तक यात्रा किया तो मार्ग में जितने भी क्षेत्रीय रेलवे आया सभी को आय में से हिस्सा दूरी के प्रतिशत के आधार पर दिया जाएगा।
  3. विविध आय का विभाजन नहीं किया जाता है।
  4. आय के विभाजन के लिए केंद्रीय कृत विभाजन प्रणाली(Centerlized Apportionment System) की शुरुआत राइट्स द्वारा विकसित की गई है। यह सिस्टम 2005 से गुड्स के लिए एवं 2006 से यात्री आय के लिए प्रभाव में आया।जिसके तहत यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
  5. आय के विभाजन के लिए क्रिस द्वारा PRS और UTS का  डाटा अगले महीने के 10 तारीख को राइट्स को दिया जाता है।
  6. क्षेत्रीय रेलवे द्वारा पीसीटी और बीपीटी डाटा अगले महीने की 5 तारीख तक राइट्स को प्रस्तुत किया जाता है।
  7. क्षेत्रीय रेलवे द्वारा 7A स्टेटमेंट के जरिए गुड्स डाटा अगले महीने की 10 तारीख तक राइट्स को प्रस्तुत किया जाता है।
  8. जो डाटा मैच नहीं होता है उसे अगले महीने के 12 तारीख तक पूरी की जाती है।
  9. राइट्स अगले महीने की 20 तारीख तक आय के पांच स्रोतों गुड्स, पीआरएस, यूटीएस,बीपीटी और पीसीटी के लिए अलग-अलग विभाजित आय तैयार करता है इसका उपयोग जोनल रेलवे द्वारा ट्रैफिक बुक का पार्ट बी तैयार करने के लिए किया जाता है।
  10. रेलवे के बीच आय को विभाजित करते समय केवल मूल किराया/मालभाड़ा विभाजित किया जाता है और अन्य सभी शुल्क जैसे सेवा कर, जीएसटी,अधिभार आदि को शामिल नहीं किया जाता है।

वर्तमान में आय का विभाजन क्रिस के द्वारा ही संपादित किया जाता है। गुड्स,पैंसेजर एवं विविध आय का विभाजन कर सभी रेलवे के हिस्से को बताया जाता है जिसे टीसी एवं जेवी के माध्यम से डेबिट , क्रेडिट कर एकाउंटिंग किया जाता है।

- आय का सटीक और समय पर बंटवारा तभी संभव है जब जोनल रेलवे द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जाएं।

  • आय के विभिन्न स्रोतों से संबंधित डाटा समय पर प्रस्तुत करना।
  • नई ट्रेन शुरू करने या यातायात के लिए नए स्टेशन/सेक्शन खोलने पर मास्टर डाटा में संशोधन।
  • सभी अनमैच डेटा का ठीक से मिलान किया जाना

लाभ

  • सिस्टम ऑनलाइन आधार पर है इसलिए टीए, डी ए  और अन्य भत्तों की बचत होती है।
  • 6A,7C जैसी रिपोर्ट समय पर तैयार होने से प्रबंधन को आय में सुधार के लिए कदम उठाने में मदद मिलती है।
  • ऑनलाइन के माध्यम से अंतर रेलवे विवाद और मुद्दों का तुरंत निस्तारण हो जाता है।
  • आय का वास्तविक बँटवारा से क्षेत्रीय रेलवे के प्रदर्शन को समझने में मदद करता है।

Sunday, 13 February 2022

CONTRACTOR'S MEASUREMENT BOOK

CONTRACTOR'S MEASUREMENT BOOK.


  1. CMB अर्थात Contractor's Measurement Book- ठेकेदार की नपाई पुस्तिका।
  2. यह इंजीनियरिंग सहिंता के 13 वें अध्याय में पैरा संख्या 1316A के तहत जोड़ा गया है जिसका सुधार प्रविष्ट संख्या 50 है।
  3. सीएमबी में ठेकेदार द्वारा कार्य की नपाई स्वयं किया जाएगा।(रेल अधिकारियों द्वारा नहीं)
  4. सीएमबी में जो फॉर्म 1313 E में निहित है वही लागू होता है यानी इसमें भी 5 सीट होगा । रेलवे ठेकेदार को CMB उपलब्ध करवाएगी जिसमें टॉप शीट पर कार्य का नाम, ठेकेदार का नाम ,एग्रीमेंट नम्बर लिखने का प्रोविजन होगा।
  5. Dy. Chief Engineer जो ठेके का इंचार्ज होंगे वो आवश्यकतानुसार CMB , AEN/XEN को शीट संख्या 2A पर प्राप्ति लेने के बाद देंगे ।
  6. नपाई का रिकॉर्डिंग ठेकेदार के द्वारा अधिकृत इंजीनियर के द्वारा किया जाएगा।
  7. अगर किसी भी परिस्थिति में इंजीनियर को बदलना पड़े तो माप की रिकॉर्डिंग से पहले ठेकेदार द्वारा Dy/CE/C से अनुमोदन लेना होगा।
  8. सीएमबी पर रिकॉर्डिंग साफ-साफ दर्ज करनी चाहिए। किसी भी प्रकार का काट-छांट, ओवरराइटिंग नहीं होनी चाहिए एवं रिकॉर्डिंग हस्तलिखित होनी चाहिए।
  9. किसी भी प्रकार के काट छांट होने पर उस जगह हस्ताक्षर अनिवार्य है।
  10. किसी भी पेज को नष्ट नहीं करना चाहिए एवम फाड़ना नहीं चाहिए कोई भी भेज खाली नहीं होनी चाहिए।
  11. माप के साक्ष्य के लिए ठेकेदार माप के दिन की अग्रिम सूचना AEN/XEN को देंगे। रेलवे द्वारा नपाई के लिए साक्ष्य होना अनिवार्य नहीं है सिर्फ अर्थ वर्क एवं Hidden नपाई को छोड़कर।
  12. खाता अनुबंध प्रमाण पत्र - मदें एवम मात्राएं की नपाई का रिकॉर्ड भुगतान के लिए किया जाएगा।
  13. प्रत्येक 4th खाता अनुबंध प्रमाण पत्र/अंतिम प्रमाण पत्र में पिछले अनुबंध प्रमाण पत्र को भी संलग्न करना होगा चाहे उसका भुगतान हुआ हो या नहीं (जैसे कुल नपाई उस दिन तक के लिए)
  14. लम सम नपाई सिर्फ अर्थ वर्क के लिए ही लागू होगा।
  15. ठेकेदार बिल पास करने के समय सीएमबी के प्रयोग किए हुए पेज को सावधानीपूर्वक लाएगा जिसमें एक खाली पेज भी रहेगा इस पर AEN/XEN द्वारा हस्ताक्षर किया जाएगा।
  16. ठेकेदार सीएमबी का एक छाया प्रति भविष्य के संदर्भ के लिए अपने पास रखेगा।
  17. अंतिम बिल के समय सभी सीएमबी प्रस्तुत करेंगे चाहे उसका उपयोग हुआ हो या नही।                         प्रोविजनल भुगतान 75%
  18.  SSE/JE जिन्हें 5 साल का कार्य का अनुभव हो एवं AEN/XEN एक ओरिजिनल प्रोविजनल ऑन एकाउंट प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर करेंगे जिसमें इस बात का जिक्र होगा कि कार्य की मात्रा के मुकाबले राशि कम है जिसे ठेकेदार को दिया जा सकता है।
  19. अंतिम भुगतान पत्र में कोई प्रोविजनल भुगतान नहीं किया जाएगा।
  20. ऑन अकाउंट प्रमाण पत्र ठेकेदार द्वारा मांगा जाएगा जब पिछला प्रमाणपत्र का बिल पास हो जाएगा।
  21. प्रोविजनल भुगतान के समय रेलवे के द्वारा कोई टेस्ट चेक की आवश्यकता नहीं होगी।                         रेलवे द्वारा टेस्ट चेक-
  22. ऑन अकाउंट प्रमाण पत्र एवं फाइनल अकाउंट प्रमाण पत्र के आधार पर जब बिल का भुगतान होगा उस समय टेस्टचेक रेलवे द्वारा किया जाना अनिवार्य है।
  23. टेस्ट चेक की तिथि SSE/JE और AEN/XEN द्वारा अग्रिम में ठेकेदार को बताया जाएगा।
  24. ठेकेदार टेस्ट चेक में मदद करेंगे साथ ही स्टाफ और टूल्स उपलब्ध कराएंगे।
  25. ठेकेदार विसंगतियों को ध्यान में रखते हुए फ्रेश इनवॉइस प्रस्तुत करेंगे एवं विसंगतियों को सही किया जाएगा।                             पूर्ण भुगतान-ऑन एकाउंट/फाइनल बिल
  26. AEN/XEN फाइनल बिल भुगतान के समय सभी ऑन अकाउंट प्रमाण पत्र साथ में आवश्यक छाया प्रति और सीएमबी जिसका उपयोग हुआ है Dy.CE/C को प्रस्तुत करेंगे।
  27. जब बिल पास हो जाएगा तो CMB को सुरक्षित रखने के लिए Dy. CE/C , AEN/XEN को वापस कर देंगे तथा लेखा अधिकारी CMB को क्रोस कर देंगे।
  28. फाइनल अकाउंट प्रमाण पत्र Dy.CE/C के द्वारा जारी किया जाएगा।
  29. यह नियम सभी विभागों पर लागू होगा।


Friday, 11 February 2022

Rate Contract & Running Contract

Rate Contract and Running Contract.


  • रेट कॉन्ट्रैक्ट एक ऐसा अनुबंध है जो एक निश्चित समय अवधि के दौरान सामग्री की आपूर्ति मांग के आधार पर ठेकेदार द्वारा किया जाता है।
  • रेट कॉन्ट्रैक्ट में मात्रा निश्चित नहीं की जाती है।
  • रेट कॉन्ट्रैक्ट में दर निश्चित की जाती है।
  • रेट कॉन्ट्रैक्ट में Consignee निश्चित नहीं की जाती है।
  • रेट कॉन्ट्रैक्ट नियमित खरीद कार्य में बहुत समय बचाता है।

रेट कॉन्ट्रैक्ट और रनिंग कॉन्ट्रैक्ट में अंतर-

रेट अनुबंध (Rate Contract)

चालू अनुबंध (Running Contract)

रेट कॉन्ट्रैक्ट स्टोर कोड पैरा 407 में दर्शाया गया है।

रनिंग कॉन्ट्रैक्ट स्टोर कोड पैरा 408 में दर्शाया गया है।

रेट कॉन्ट्रैक्ट एक ऐसा अनुबंध है जो एक निश्चित समय अवधि के दौरान सामग्री की आपूर्ती , मांग के आधार पर ठेकेदार द्वारा किया जाता है।

रनिंग कॉन्ट्रैक्ट एक ऐसा अनुबंध है जिसके तहत निश्चित समय अवधि के दौरान,निश्चित इकाई दरों पर ठेकेदार सामग्री की आपूर्ति के लिए संलग्न रहता है।यह दर अनुबंध के सामान है,लेकिन आर्डर की जा सकने वाली सामग्री की अधिकतम और न्यूनतम मात्रा निश्चित रहता है।

इसमें सिर्फ दर निश्चित रहता है,मात्रा निश्चित नहीं रहता है।

इसमें दर और मात्रा दोनों निश्चित रहता है।


 

Wednesday, 9 February 2022

TWFA

TWFA(TRANSFER WITHOUT FINANCIAL ADJUSTMENT)


बिना वित्तीय समायोजन के अंतरण-

  1. जब एक रेलवे या लेखा यूनिट से दूसरी रेलवे या लेखा यूनिट में उनके बही खातों में कोई वित्तीय समायोजन किए बगैर परिसंपत्तियों जैसे कि रोलिंग स्टॉक, रेल इंजन आदि का स्थानांतरण किया जाता है, तो उसे TWFA कहा जाता है।
  2. इस तरह के मामलों में कोई जनरल पर्ची तैयार नहीं किया जाता है एवं उस रेलवे द्वारा या लेखा यूनिटों द्वारा दूसरे रेलवे या लेखा यूनिटों के विरुद्ध कोई डेबिट भी प्रस्तुत नहीं किया जाता है।
  3. केवल ट्रांसफर इंट्री के द्वारा दोनों रेलवे के वित्तीय खातों में समायोजन किया जाता है।
  4. इस तरह के स्थानांतरण को लेखे में तभी समायोजित किए जाते हैं जब उत्तरदाता (Responding) रेलवे/यूनिट द्वारा इसकी स्वीकृति प्राप्त हो जाती है।जब स्वीकृति प्राप्त हो जाती है तब Originating Unit अपने क्लोजिंग बैलेंस को कम कर देता है और Responding Unit  अपने बैलेंस में जोड़ देता है।

उद्देश्य/लाभ

●वित्तीय खातों एवं बजटिंग पर प्रभाव से बचा जा सकता है।

●पिछले वर्ष के खातों के संबंध में चले आ रहे शेष को सुधारने के लिए जो कि लेखा पहले ही बंद हो चुका है।